रायपुर – आरईएस के पूर्व ईई के आत्महत्या का बहुचर्चित मामला : मृतक की पत्नी ने द इंडिपेंडेंट डॉट कॉम में प्रसारित खबर को बताया मेनिपुलेटेड..कहा कि मेरे द्वारा आईएएस राजेश राणा व अन्य पर कोई आरोप नहीं लगाया गया, सिर्फ पूछने पर घटनाक्रम बताया…


रायपुर – नारायणपुर के आरईएस विभाग में पदस्थ पूर्व ईई स्व.आरपी सोनी के आत्महत्या का मामला इन दिनों एक फिर उस वक्त सुर्खियों में आ गया, जब राजधानी रायपुर के एक वेब न्यूज़ पोर्टल द इंडिपेंडेंट डॉट कॉम में खबर प्रकाशित हुई कि सन 2012 में नारायणपुर पोस्टिंग के दौरान आत्महत्या करने वाले आरईएस के तत्कालीन ईई स्व.आरपी सोनी के पत्नी श्रीमती सोनी के हवाले से यह प्रसारित किया गया था कि उनके पति के आत्महत्या के मामलें आईएएस राजेश राणा (तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ), इंजीनियर मनोहर लाल नाग व ठेकेदार जैन बंधुओ को जिम्मेदार बताया गया हैं।
जबकि यहाँ यह बताना जरूरी होगा कि आरईएस के तत्कालीन ई स्व.आरपी सोनी के कथित आत्महत्या के प्रकरण को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निराकृत करते हुए मामलें को ही डिस्पोज़ कर दिया गया है।
अब ऐसे में वेब न्यूज़ पोर्टल द इंडिपेंडेंट डॉट कॉम में उपरोक्त खबर प्रसारित होने के बाद एक बार फिर से यह पूरा मामला गर्म हो गया था हालांकि खबर वायरल होने के दूसरे दिन ही आरईएस के पूर्व ईई स्व.सोनी की पत्नी श्रीमती सरिता सोनी द्वारा उक्त खबर को निराधार बताते हुए यह कहा गया है कि जो खबर उक्त न्यूज़ पोर्टल में प्रसारित हुई है उनका उससे कोई संबंध नहीं हैं।

साथ ही खबर के संबंध में उन्होंने अपना एक हस्तलिखित खंडन भी जारी कर दिया है जिसमें उनके द्वारा साफ तौर पर लिखा हैं कि कुछ दिन पूर्व उनके पास किसी राहुल गोस्वामी नामक व्यक्ति का कॉल आया था जिसने अपना परिचय द इंडिपेंडेंट डॉट कॉम के पत्रकार के तौर पर दिया था और मेरे पति के आत्महत्या के मामलें में जानकारी माँगी गयी थी तब मैंने उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया और यह भी बताया कि इस केस को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा डिस्पोज़ कर दिया गया है अब मुझें इस मामलें में आगे कुछ भी नहीं बोलना हैं।
बहरहाल… अब आरईएस के पूर्व ईई स्व.आरपी सोनी की आत्महत्या से जुड़े इस बहुचर्चित मामलें में उक्त पोर्टल द्वारा प्रसारित खबर जिसमें तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ राजेश राणा (आईएएस) सहित अन्य पर मृतक की पत्नी के हवाले से दोबारा आरोप लगाने की कोशिश की गई थी , का खंडन जारी होने बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि उक्त पोर्टल द्वारा इस खबर का सनसनीखेज प्रसारण महज पाठकों के बीच सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के उद्देश्य से किया गया था क्योंकि इस मामलें को न सिर्फ उच्च न्यायालय द्वारा डिस्पोज़ कर दिया गया है बल्कि मृतक की पत्नी ने यह कहकर भी खबर की पोल खोल दी है कि उक्त खबर पूरी तरह से निराधार हैं जिनका उनसे कोई लेना नहीं हैं।