रायगढ़ – गुड़ेली क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा है अवैध ब्लास्टिंग का खेल…अवैध खनिज पत्थरों को स्थानीय क्रेशर संचालक रॉयल्टी पर्ची जारी कर बना देते हैं वैध, अगर जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम करें जाँच तो करोड़ों रुपये के राजस्व चोरी का हो सकता हैं खुलासा…4 सालों से नहीं हुआ है जॉइंट इन्वेस्टिगेशन…2 स्थानीय क्रेशर संचालको का नाम प्रमुखता से आ रहा है सामने…

रायगढ़ – खनिजों की तस्करी पर न जिला खनिज विभाग लगाम लगा पा रहा है और न ही स्थानीय पुलिस प्रशासन। एक तरफ प्रतिबंधित व बन्द पड़ी खदानों को फ्लाईऐश से पाटा जा रहा हैं तो दूसरी तरफ उतनी ही अवैध खदानें धड़ल्ले से खुल भी रही हैं जिन पर कभी भी खनिज विभाग द्वारा ठोस कार्यवाही नहीं की जाती हैं क्योंकि क्षेत्र के तमाम क्रेशर संचालकों को संरक्षण हासिल है।
टीमरलगा और गुड़ेली में सालों से खनिज संपदा का अवैध दोहन व तस्करी के खेल चल रहा है। यहाँ स्थानीय खनन माफिया सुनियोजित तरीके से काम करता है। स्थानीय दबंग लोग दूसरे के जमीनों में खनन करते हैं और इसे क्रशरों में सप्लाई करते है जिसके एवज में क्रशर संचालक इन्हें प्रति ट्रैक्टर की दर से पेमेंट करते है। इन अवैध खदानों तक खनिज विभाग या राजस्व विभाग कभी भी नहीं पहुँच पाते हैं क्योंकि यहाँ सबकुछ संरक्षण में ही होता हैं। क्रशर संचालक इन अवैध खदानों को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं।
गुड़ेली में इन दिनों दो नए खनिज माफिया भी पैदा हो गए हैं। धर्मेंद्र व उग्रसेन नामक दो स्थानीय खनिज माफियाओं के खदानों में इन दिनों धड़ल्ले से अवैध ब्लास्टिंग कर लाइमस्टोन निकालने का कार्य चल रहा है बता दें कि ये दोनों खनिज माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि ये दूसरों की निजी हक की जमीनों व सरकारी जमीनों को भी नहीं छोड़ रहें हैं। दोनों कथित दबंगो का संपर्क स्थानीय व दूसरे क्रेशर संचालकों से भी हैं जिनके पास खनिज पट्टे भी हैं, वे भी इन्ही दोनों से ही लाइमस्टोन मँगवाते हैं। हैरत की बात यह हैं कि खनिज विभाग को इस पूरे अवैध कारोबार की जानकारी हैं बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जाती हैं।
अवैध पत्थर बन जाते है वैध : उग्रसेन व धमेंद्र लाइमस्टोन का अवैध खनन कर क्रशरों में सप्लाई करते हैं जहाँ पट्टाधारक क्रशर संचालकों द्वारा अपनी खदान के आधार पर रॉयल्टी पर्ची जारी करवाते हैं और इन्हीं पर्चियों पर अवैध पत्थरों का परिवहन होता हैं इस तरह से अवैध लाइमस्टोन, वैध खनिज में तब्दील हो जाता हैं और इस तरह से अवैध खनिज पत्थरों को वैध खनिज में बदलकर रायगढ़ जिला मुख्यालय से जुड़े कुछ स्थानीय क्रेशर व खदान संचालक करोड़ों रुपये की अवैध कमाई कर रहे हैं जिसमें किसी दो स्थानीय क्रेशर व खदान संचालक का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है।
नहीं करवा पाये हैं सीमांकन : गुड़ेली क्षेत्र में संचालित सभी क्रशरों को खनिजपट्टा प्राप्त नहीं है बावजूद उसके ये अपनी लीज पर खनन करने के बजाय अवैध खदानों को चला रहे हैं जहाँ सबसे हैरत की बात यह हैं कि खनिज विभाग द्वारा कभी भी इनके अवैध खदानों की जाँच नहीं की जाती हैं। पहले राजस्व , पर्यावरण, विद्युत विभाग और खनिज विभाग की संयुक्त जाँच टीम द्वारा ऐसे अवैध खदानों व क्रशरों पर कार्यवाही की जाती थी पर अब बीतें 3-4 सालों से संयुक्त जाँच टीम के द्वारा की जाने वाली उक्त कार्यवाही भी बन्द हो गयी हैं और अगर इन खदानों की जांच की जाए तो चौका देने वाला खुलासा हो सकता हैं।
नोट – उक्त खबर स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी पर आधारित हैं हम किसी भी व्यक्ति विशेष के प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष संलिप्तता का प्रामाणिक दावा नहीं करते हैं।








