रायगढ़ – चिकन खाने के दौरान युवक के गले में फँसी हड्डी…सुबह अचानक बिगड़ गई युवक की तबीयत..दो दिन बाद आज गंभीर स्थिति में अपैक्स हॉस्पिटल पहुँचा युवक..तब डॉ.मनोज गोयल ने एंडोस्कोपी के जरिये गले में फँसी हड्डी को निकाल बचाई युवक की जान…


रायगढ़ – किसी बड़ी समस्या में फंस जाने को कहते हैं, ‘गले की हड्डी’ यानी जिसे न उगला जा सकता है और न निगला जा सकता है। हालांकि, रायगढ़ के ड़ेंगारी में रहने वाले एक युवक रामा उम्र 35 साल के गले में सचमुच हड्डी फंस गई। दरअसल तीन दिन पहले 22 जनवरी की रात चिकन खाने के दौरान रामा के गले में मुर्गे की हड्डी फँस गयी। यह मुर्गे की हड्डी ऐसी थी, जो तीन दिनों तक उसके गले में अटकी रही। आखिरकार तीन दिनों बाद जब आज सुबह युवक को साँस लेने में दिक्कत व घुटन होने लगी तब आननफानन में उनके परिजनों ने जिलें के नामी युवा सर्जन व अपैक्स मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ मनोज गोयल से संपर्क किया। जिसके बाद आज सुबह करीबन 11 बजे लंबी मशक्कत के बाद डॉक्टर मनोज गोयल व उनकी एक्सपर्ट टीम ने बिना किसी सर्जरी के युवक के जान पर बन आई इस हड्डी को एंडोस्कोपी के जरिये बाहर निकाला।

एक्स-रे में गले में हड्डी फंसी हुई दिखी…
डॉक्टर मनोज गोयल की सलाह पर जब युवक के गले का एक्स-रे किया तो उसके गले में हड्डी फंसी हुई देखी। डॉक्टरों ने युवक के गले में फंसी इस हड्डी को निकालने के लिए एंडोस्कोपी करने की तैयारी की। काफी प्रयास के बाद एंडोस्कोपी से उसके गले में फंसी हड्डी को निकाला गया।

हाइलाइट्स
👉चिकन खाते समय गले में अटकी मुर्गे की हड्डी
👉सांस लेने में हुई तकलीफ और बिगड़ी हालत
दो दिनों के इलाज के बाद भी जब राहत नहीं मिली तो डॉक्टरों ने किया गले का एक्सरे एंडोस्कोपी के जरिए तीन दिन बाद गले से निकाली गई हड्डी।

डॉ.मनोज गोयल ने बताया कि युवक ने चिकन खाया था। उसी दौरान हड्डी उसके गले में फंस गई थी जिसके बाद युवक ने किसी स्थानीय डॉक्टर से ईलाज कराया था पर दवाईयां लेने से भी बीतें 2 दिनों से उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। वहीं आज सुबह युवक की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। वह सांस तक नहीं ले पा रहा था और उसका दम घुटने लगा था तब उन्होंने मौके की नज़ाकत को भांपते हुए तत्काल में एंडोस्कोपी करने का निर्णय लिया और एंडोस्कोपी के जरिये उसके गले में फँसी हड्डी को निकाल दिया गया है और युवक की हालत अब बिल्कुल सामान्य हैं।

वैसे यहाँ यह भी बताना जरूरी होगा कि यह कोई पहला मौका नहीं हैं जब जिलें के युवा सर्जन डॉ.मनोज गोयल ने ऐसे किसी इमरजेंसी व पेचीदे केस में किसी की जिंदगी को बचाया हो, अभी हफ्ता भर पहले भी ऐसे ही वक्त मामलें में उन्होनें एक मासूम बच्चे के पेट में फंसी लॉलीपॉप की प्लास्टिक की पाइप को एंडोस्कोपी के जरिये निकालकर मासूम की जिंदगी बचाई थी।













