रायगढ़ – आखिर कौन हैं वो आला अफसरान जो नहीं चाहते हैं कि डोलोमाइट खदानों की हो ट्रिगर-जाँच…? खदान क्षेत्र में बड़े खनन-माफ़िया गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी, क्षेत्र के 11 खदानों में होनी हैं जाँच…

रायगढ़ – डोलोमाइट के 11 खनिजजपट्टों की ट्रिगर जाँच के लिए सरकार ने महीने भर पहले ही आदेश जारी कर दिया हैं लेकिन शायद जिम्मेदार महकमें के आला अफ़सरान ही नहीं चाहते हैं कि किसी भी खदान की मुकम्मल ट्रिगर जांच हो, यही वजह हैं कि महीने भर से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी आज तक एक भी खदान की ट्रिगर जांच पूरी नहीं हुई हैं अलबत्ता खानापूर्ति के लिए विभाग ने एक खदान की जाँच जरूर शुरू करवाई थी लेकिन अब उस पर भी रोक लगा दी गयी हैं। इस बारें में स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो उक्त खदान के ट्रिगर जाँच के दौरान जो “कोऑर्डिनेट्स लोकेट” किये गए थे वो वास्तविक खनन पॉइंट से भिन्न हैं मतलब साफ हैं कि अगर ट्रिगर जाँच को पूरा किया गया तो तो और बड़े पैमाने में अनियमितता सामने आएगी।
जाँच रुकने के बाद अब यह जनचर्चा भी जोरों पर हैं कि डोलोमाइट खदानों को सबसे अधिक संरक्षण भी खनिज विभाग के आला अफसरों ने ही दिया हैं और क्षेत्र के जिन 11 खदानों की ट्रिगर जाँच होनी है उनका विभाग के किसी ने किसी अफसर से अंदरूनी साँठगाँठ हैं यही वजह है कि क्रिस्टल क्लियर मामला होने के बावजूद भी विभाग के सक्षम अफसर कार्यवाही करने से हमेशा कतराते रहें हैं। कुल मिलाकर कहा जाये तो बड़े पैमाने पर अवैध खनन करने वाले ये तमाम पट्टेदार व अफसर म्यूचअली परोक्ष रूप मिलकर एक संगठित गिरोह की तरह कार्य करते हैं और सरकार को प्रति माह करोड़ों रुपये के राजस्व की चोट दे रहें हैं।
