रायगढ़ : निगम क्षेत्र की जनता को उनका संवैधानिक अधिकार दिलाने सामने आए रामचंद्र शर्मा…कमिश्नर संबित मिश्रा को सौंपा ज्ञापन…

रायगढ़। नगरीय निकाय क्षेत्रों में सभी वार्ड में वार्ड के विकास कार्य, उसके लिए बनने वाली योजनाओं आदि के लिए मोहल्ला समिति के गठन के लिए प्रसिद्ध समाजसेवी एवं जागरूक नागरिक, वरिष्ठ पत्रकार रामचन्द्र शर्मा ने निगम कमिश्नर के नाम पर आज ज्ञापन सौंपा।
रामचन्द्र शर्मा ने बताया कि नगरीय निकाय के अंतर्गत पूरे राज्य के सभी जिलों में वार्ड के विकास हेतु मोहल्ला समिति का गठन नगरीय निकाय अधिनियम 1956 की धारा 48 के अंतर्गत किया जाना अनिवार्य हैं। इसका राजपत्र में भी प्रकाशन किया जा चुका है। उसके बावजूद रायगढ़ नगर निगम में वार्ड के विकास को धता बताते हुए अभी तक मोहल्ला समिति का गठन नहीं किया गया है जबकि मोहल्ला समिति का गठन होने पर ही योजना आदि संचालित होती है। इसे देखते हुए रामचन्द्र शर्मा ने कमिश्नर नगर निगम के नाम पर ज्ञापन सौंपते हुए सभी 48 वार्डों में मोहल्ला समिति के गठन की मांग की है।
ये है मोहल्ला समिति का महत्व
नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 48 – (ख) मोहल्ला समितियों का गठन तथा उनकी संरचना के विधि निर्देश को परिभाषित करती है उल्लेखनीय है कि इस धारा की उपधारा (1) में प्रावधानित है कि प्रत्येक नगरपालिक निगम के निर्वाचन के पश्चात् प्रथम सम्मिलन की तिथि से [ यथासंभव शीघ्र ] के भीतर मोहल्ला समितियों का गठन किया जाएगा और इस धारा की उपधारा (2) में प्रावधानित है कि मोहल्ला समितियों की संख्या और उनके भौगोलिक क्षेत्र का अवधारण, सदस्यों की संख्या तथा समितियों के कृत्य, शक्तियां और कार्य संचालन ऐसी रीति से होगी, जैसी कि राज्य सरकार द्वारा अवधारित किया जाए। गौरतलब रहे की इस धारा 48 का विधि निर्देश अधिनियम क्रमांक 10 सन 2005 द्वारा प्रतिस्थापित छत्तीसगढ़ राजपत्र ( असाधारण ) दिनांक 25 अगस्त 2005 को पृष्ट 402 (2) पर प्रकाशित किया गया था और मोहल्ला समिति के गठन के विधि निर्देश को अधिनियम क्रमांक 10 सन 2006 द्वारा प्रतिस्थापित छत्तीसगढ़ राजपत्र ( असाधारण ) दिनांक 8 फरवरी 2006 पृष्ट 96 में प्रकशित किया गया था जिसके बाद से यह नियम अपना कानूनी अस्तित्व हासिल करके छत्तीसगढ़ के प्रत्येक वार्ड में भारतीय गणराज्य की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लागू किया गया है।
जो पार्षद चुनाव हार गए है उनके लिए है एक और अवसर !
वार्ड का सर्वांगीण विकास करवाने के लिए वार्ड के बहुत से रहवासी वार्ड चुनाव लड़ते है लेकिन जैसा कि प्रत्येक लड़ाई में होता है वैसे ही वार्ड चुनाव में भी एक ही पार्षद प्रत्याशी जीतता है और आगामी 5 वर्षो के लिए पार्षद निर्वाचित होता है लेकिन हमारे लोकतांत्रिक व्यवस्था ने प्रत्येक वार्ड क्षेत्र में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए मोहल्ला समिति गठित करने का प्रावधान निगम अधिनियम में रखा है जिसके कारण पार्षद चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों के लिए भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था एक दूसरा अवसर मोहल्ला समिति के रूप में उपलब्ध करवाती है जिससे की प्रत्येक वार्ड की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने का प्रजातांत्रिक अवसर प्रत्येक वार्ड में स्थापित हो सके और वार्ड के निर्वाचित पार्षद की मनमानी करने की किंचित मात्र की गुंजाइश भी वार्ड निगम कार्यवाहियों में नहीं बने
वार्ड के सर्वांगीण विकास और अंदरूनी लोकतांत्रिक व्यवस्था का पर्याय होती है मोहल्ला समिति !
नगर पालिक निगम का भ्रष्टाचार अब कोई नई बात नही है सभी जानते है की निगम कार्यवाहियों में कैसे भ्रष्टाचार फलता फूलता और पनपता है लेकिन क्या हमारी भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था इतनी पंगु हैं..? कि निगम कार्यवाहियों में होने वाले भ्रष्टाचार को रोक नहीं सकती है अगर आपके मन में भी यह प्रश्न है तो इसका उत्तर है कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए हमारी लोकतंत्र शासन प्रणाली बेहद सक्षम है। भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में गठित नगर पालिक निगम की प्रशासकीय व्यवस्था का नियंत्रण मोहल्ला समिति के सीधे नियंत्रण में होता है इसलिए प्रत्येक वार्ड में निगम अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार मोहल्ला समिति गठित की जाती है और मोहल्ला समिति के निर्णयों के आधार पर प्रत्येक वार्ड और निगम क्षेत्र का विकास कार्य कराया जाता है उल्लेखनीय है की अगर निगम का आयुक्त नियमानुसार वार्ड समिति का गठन और उसकी कार्यवायों का कार्यान्वयन प्रक्रिया का विकास नहीं करता है तो इस अनियमितता को न्यायालयीन चुनौती देने के लिए भारत के प्रत्येक नागरिक के पास अधिकार है की वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर सभी वार्ड क्षेत्र के लिए मोहल्ला समिति का गठन करवाए।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञ एवं राजनैतिक व सामाजिक चिंतक अमोल मालुसरे से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि मोहल्ला समिति का गठन प्रत्येक वार्ड में होना चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है तो वार्ड या भारत का कोई भी जागरूक नागरिक निगम आयुक्त को न्यायालयीन चुनौती देकर प्रत्येक वार्ड क्षेत्र में मोहल्ला समिति वाली लोकतांत्रिक व्यवस्था को कायम करवा सकता है जनहित याचिका प्रस्तुत कर सकता है।