रायगढ़। जामपाली कोल माइंस से गायब हुए सुपरवाइजर की 12 दिन बाद भी कोई खबर नहीं, अनहोनी की आशंका…एक स्थानीय कोयला कारोबारी से पुलिस कर रही है पूछताछ

बैंक एकाउंट में मिली भारी नकदी, “लेन-देन में विवाद” का भी हो सकता है मामला
रायगढ़। जामपाली खदान से गायब कर्मचारी के मामले में पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है। वहीं बुधवार को एक कोयला कारोबारी से भी पूछताछ किए जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि गायब युवक के एकाउंट में बड़ी राशि जमा है। सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो लापता हुए कर्मचारी का कोयले के भुगतान को लेकर किसी से विवाद होने की खबर है।



बीते 14 जनवरी को एसईसीएल की जामपाली माइंस से कुडुमकेला निवासी ईश्वर प्रसाद साव गायब हो गया था। वह एक कोयला कारोबारी के प्रतिनिधि के रूप में माइंस में काम कर रहा था। उसके अचानक गायब होने की गुत्थी अब तक अलसुलझी है। बुधवार को इस मामले में एक कोयला कारोबारी को बुलाकर पूछताछ किए जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि युवक के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश स्थानीय पुलिस कर रही है ताकि उसे खोजा जा सके। माइंस में लंबे समय से काम कर रहे युवक के साथ कुछ और लोग भी काम कर रहे थे। कई ट्रांसपोर्टरों के प्रतिनिधि भी साथ में ही काम करते थे। पुलिस ने जांच में युवक के बैंक एकाउंट भी खंगाले हैं। बताया जा रहा है कि बड़ी रकम खाते में डिपॉजिट है। उसके साथियों के एकाउंट पर भी पुलिस की नजर है। सूत्रों के मुताबिक युवक के गायब होने के पीछे कारण कोयले का कारोबार ही है। फिलहाल पुलिस ने एक कोयला कारोबारी से पूछताछ की है।

बेहद संवेदनशील बन चुका है जामपाली माइंस
रायगढ़ क्षेत्र में जितनी भी कोयला खदानें संचालित हैं, उनमें जामपाली सबसे संवेदनशील बन चुका है। खदान में वर्क कल्चर तकरीबन खत्म हो चुका है। कोल माफियाओं का सबसे ज्यादा दखल इसी माइंस में है। इस माइंस में सीबीआई ने कई बार छापेमारी की है। फिलहाल कई तरह के वैध-अवैध समझौते माइंस में हो रहे हैं जिसमें बड़े कोयला ट्रांसपोर्टरों की भूमिका है। ये कारोबारी अपने प्रतिनिधियों के जरिए कई ऐसे कामों को अंजाम देते हैं जिन्हें तकनीकी रूप से वैध नहीं कहा जा सकता है।











