
रायगढ़ – छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश मंत्री ओपी चौधरी ने इस बार खरसिया के युवा विधायक व भूपेश सरकार के कैबिनेट मंत्री उमेश पटेल (उच्च शिक्षा मंत्री) को निशाने पर लेते हुए उन्हें एक औपचारिक पत्र लिखा है और पत्र के फलसफे को भाजपा के इस युवा नेता ओपी द्वारा सोशल मीडिया पर भी अपलोड कर राज्य सरकार व उच्च शिक्षा मंत्री की कार्यशैली व नियत पर करारा कटाक्ष किया है।

बता दें कि विधानसभा चुनाव 2018 के बाद यह पहला मौका है कि जब ओपी ने खुलकर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी (पिछले विधानसभा चुनाव में ) के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया हो। ओपी ने इस पत्र में राज्य सरकार के मुखिया भूपेश बघेल की कार्यशैली व नीयत पर सवालिया निशान लगाते हुए उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से सवाल पूछा हैं कि क्यूँ राज्य सरकार ऐसे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को सरकारी फण्ड से अधिग्रहित करना चाहती हैं जिसके प्रबंधन पर धोखाधड़ी में संलिप्तता को लेकर कोर्ट में केस लंबित है और जिसकी मान्यता को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2017-18 में खारिज कर दिया है।


आगे पत्र में ओपी द्वारा राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री उमेश पटेल को सलाह देते हुए यह भी लिखा गया है कि राज्य सरकार को उक्त विवादित निजी मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के बजाय रायगढ़ जिला मुख्यालय स्थित KIT इंजीनियरिंग कॉलेज के सरकारी अधिग्रहण पर विचार करना चाहिए जो कि सरकारी सोसाइटी द्वारा ही संचालित हैं जहाँ प्रतिवर्ष 6 अलग अलग कोर्सेज में 480 छात्र एडमिशन लेकर अपना भविष्य गढ़ते हैं। आगे श्री चौधरी ने पत्र में इस बात का भी हवाला दिया है कि उच्च शिक्षा मंत्री होने के नाते इस इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रेसीडेंट भी आप ही हैं ऐसे में यदि यह कॉलेज बन्द हो जाता हैं तो रायगढ़ सहित जशपुर व जांजगीर जिले के हज़ारों होनहार छात्रों का इंजीनियर बनने का सपना टूट जाएगा।

बहरहाल… प्रदेश भाजपा नेता ओपी चौधरी के इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब एक बार फिर से न सिर्फ राज्य बल्कि जिले का सियासी माहौल गरमा गया है क्योंकि पूरे ढाई साल बाद अचानक खरसिया विधायक उमेश पटेल को लगभग चुनौती भरें अंदाज़ में लिखे गए पत्र को लेकर अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है स्थानीय राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि आगामी 2023 विधानसभा में ओपी चौधरी बेशक खरसिया से चुनाव न लड़े लेकिन खरसिया विधानसभा चुनाव उनके पॉलिटिकल-टारगेट में जरूर रहेगा।
