रायगढ़ – जनसुनवाई को लेकर जिला प्रशासन पर लग रहें है मौलिक अधिकारों के हनन जैसे गंभीर आरोप… महज 2 घण्टे में जनसुनवाई संपन्न…सोशल एक्टिविस्ट व स्थानीय निवासी जिला प्रशासन पर लगा रहें है “फिक्स्ड जनसुनवाई” कराने के परोक्ष आरोप…

रायगढ़ – पूंजीपथरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तराईमाल गांव में स्थित सिंघल इंटरप्राइजेज की जनसुनवाई जो कि दो दिन पूर्व 28 जुलाई को ही संपन्न हुई है को लेकर शुरू हुआ विवाद अब तूल पकड़ने लगा है। स्थानीय निवासियों से लेकर पर्यावरण व सोशल एक्टिविस्ट जिला प्रशासन की कार्यशैली को लेकर गंभीर आरोप लगा रहें हैं। जनसुनवाई में आये कुछ स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन के ऊपर असंवैधानिक तरीके से जनसुनवाई कराने का आरोप लगाया है उनका साफ तौर पर कहना है कि उन्हें बोलने से रोका गया है जो कि संविधान के अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी जैसे मौलिक अधिकार का प्रत्यक्ष हनन हैं।
बता दें कि सिंघल इंटरप्राइजेज के विस्तार हेतु आयोजित जनसुनवाई शुरू से ही विवादों में रही हैं पहले उक्त उद्योग की ईआईए रिपोर्ट, फॉरेस्ट लैंड में फ्लाईऐश की डंपिंग , ग्रीन बेल्ट को लेकर भ्रामक जानकारी व बकाया जलकर की लाखों रुपए की राशि को लेकर रायपुर पर्यावरण मंडल बोर्ड व जिला पर्यावरण विभाग ने कई लोगों ने लिखित शिकायत दर्ज करा अपनी आपत्ति जता चुके है। उसके बाद जनसुनवाई को लेकर इस तरह आरोपों के सामने आने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि जनसुनवाई भी अब फिक्स्ड होने लगी है।