
रायगढ़ – कभी नगर-कोतवाल के खिलाफ धरना तो कभी एनएसयूआई कार्यकर्ता पर कार्यवाही करने वाली कोतवाली पुलिस को गुलाब फूल देकर सम्मानित करना। तो कभी एफआईआर दर्ज करने वाली पुलिस के खिलाफ़ ज्ञापन सौपना या पुतला दहन का निर्णय..!
पिछले साल भर से जिला भाजपा के ऐसे ही अविवेकपूर्ण व अव्यवहारिक निर्णयों की वजह से स्थानीय संगठन की छवि आम जनता की नजर में धूमिल हो रही हैं वही आम जनता के मन मे भाजपा के प्रति विश्वास का संकट भी पैदा होते साफ नजर आ रहा है। दरअसल..पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियाँ जनहित की बजाय स्वहित पर केंद्रित हो कर रह गई है।
कल पूरे दिन भर जिस तरह स्थानीय सोशल मीडिया पर ट्रेंड होता रहा है कि इस पूरे एपिसोड में जिला भाजपा नेतृत्व द्वारा एक तय एजेंडे के तहत ही नगर कोतवाल मनीष नागर की कार्यवाही पर सवाल उठाया जा रहा है ताकि इसके द्वारा एक तरफ अपने पुत्र पर एफआईआर करने वाले पुलिस अफसर को टार्गेट कर सकें तो दूसरी तरफ जिला भाजयूमो व नगर मंडल के मध्य चल रहे विवाद से स्थानीय संगठन का ध्यान डाइवर्ट किया जा सकें…किन्तु इस पूरे पॉलिटिकल एपीसोड में स्थानीय भाजपा की आम जनता व मीडिया के बीच जो किरकिरी हुई हैं उससे उबरने में अब रायगढ़ भाजपा को लंबा समय लग सकता हैं।
आश्चर्य की बात है कि संगठन ने एक बार भी यह नही सोचा कि वह नगर कोतवाल मनीष नागर का विरोध करती हैं तो वह उसी पुलिस के खिलाफ खड़ी नज़र आयेगी, जिसके द्वारा एनएसयूआई कार्यकर्ता के विरुद्ध की गई निष्पक्ष कार्यवाही से प्रसन्न होकर संगठन के कार्यकर्ता गुलाब सौप कर आते है दूसरी तरफ नगर कोतवाल मनीष नागर पूरे जिले में अपनी निष्पक्ष व त्वरित कार्यवाही के लिए जाने जाते है चाहें मामला कबाड़ , कोयला व अवैध शराब समेत तमाम आपराधिक गतिविधियों की लगाम कसने की हो वे हर कसौटी पर सफल कोतवाल साबित हुए है। ऐसे अफसर द्वारा की गई कार्यवाही के खिलाफ ज्ञापन सौपे जाने से आम जनता के मन मे यह विश्वास दृढ़ हो गया कि भाजपा दबाव की राजनीति के जरिये प्रशासन और दवाब बनाती है।
सूत्र बताते है कि संगठन से जुड़े एक आला पदाधिकारी ने पुलिस के खिलाफ सौपे गए ज्ञापन को लेकर रात के अंधेरे में कप्तान से मिलकर अपना पक्ष रखते हुए माफी भी मांग ली है।
कुल मिलाकर हालिया घटनाक्रम को देखते हुए अब यह कहना गलत नहीं होगा कि स्थानीय संगठन नेतृत्व की अनुभवहीनता व अदूरदर्शिता की वजह से पार्टी की छवि व्यापक स्तर पर धूमिल हो रही हैं और अगर समय रहते पार्टी के बड़े नेताओं ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो इसका बड़ा खामियाजा पार्टी को भविष्य में हो सकता है।