रायगढ़ – किडनैपिंग व लूटपाट की घटना के शिकार हुए पीड़ित व परिजनों ने इस थाने पर लगाये गंभीर आरोप…एसपी को सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि संगीन वारदात की लिखित सूचना देने के बावजूद आज तक आरोपियों के खिलाफ FIR नहीं हुआ दर्ज…उल्टे प्रार्थी पक्ष को ही थाने में बुलाकर समझौते के लिए डाला गया दबाव…

रायगढ़ – जिला मुख्यालय रायगढ़ से लगे हुए पुसौर थाना क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहाँ बीतें 20 सितंबर को मारपीट , लूटपाट व किडनैपिंग की घटना के शिकार हुए पीड़ित व्यक्ति व उसके परिजनों ने पुसौर थाना व पुलिस पर मामलें में संलिप्त आरोपियों को संरक्षण देने का बेहद संगीन आरोप लगाते हुए जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्यवाही की मांग की गयी हैं।

एसपी मीणा सौपें गए ज्ञापन में पीड़ित व्यक्ति व उनके परिजनों ने थाना पुसौर की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि पीड़ित के साथ घटित मारपीट, लूट व किडनैपिंग जैसे संगीन अपराधिक वारदात की लिखित सूचना उनके द्वारा औपचारिक रूप से लिखित में दी गयी थी बावजूद वारदात के 7 दिन बीत जाने पर भी आज पर्यंत पुसौर पुलिस ने इस मामलें के नामजद आरोपियों के खिलाफ FIR तक दर्ज नहीं किया है उल्टे आरोपियों के पकड़े जाने पर उन्हें थाने बुलवाकर दबावपूर्वक समझौता करने के लिए बाध्य किया जा रहा है जो कि उनके न्याय पाने के संवैधानिक अधिकार का हनन हैं।
क्या कहती हैं मामलें में पुसौर थाना प्रभारी.. जब इस पूरे मामलें के सामने आने के बाद हमारे संवाददाता ने पुसौर थाना प्रभारी सुश्री संतोषी ग्रेस से बात कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह आरोप निराधार हैं इस मामलें के विवेचक इंगेश्वर यादव द्वारा जब प्रार्थी को थाने बुलवाकर उन्हें औपचारिक बयान दर्ज करवाने के लिए कहा गया तो आज तक उनके द्वारा अपना बयान दर्ज नहीं कराया है जिसकी वजह से कार्यवाही लंबित हैं।
बता दें कि स्थानीयों की मानें तो पुसौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गाँव टपरदा व रनभांटा में बड़े स्तर पर शराब माफियाओं के द्वारा हज़ारों लीटर देशी शराब का अवैध निर्माण किया जाता हैं जिस पर पुसौर थाना पुलिस द्वारा कभी भी ठोस कार्यवाही नहीं की जाती हैं। जब इस पर हमनें ऑफ द रिकॉर्ड थाने में पदस्थ पुलिस जवान से बात की तो उन्होंने बताया कि जब भी स्थानीय पुलिस द्वारा क्षेत्र के शराब माफियाओं पर कार्यवाही की जाती हैं तो थाने पहुँचने के पूर्व ही शराब माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण देने वालीं का कॉल आ जाता है और फिर मामला सुलट जाता हैं हालांकि इस पर थाना प्रभारी संतोषी ग्रेस ने कहा कि अभी उनके थाने में पर्याप्त पुलिस बल नहीं हैं फिर भी उनके द्वारा इन दोनों क्षेत्रों में लगातार दबिश दी रही हैं लेकिन अभी तक की दबिश में बहुत कम मात्रा में अवैध शराब की प्राप्ति हुई हैं जिस वजह से पकड़े गए आरोपियों पर वांछित धाराओं के कार्यवाही नहीं हो पा रही हैं।




