रायगढ़

बुलु ने अपने फ़र्ज़ की खातिर सपरिवार अपने लहू को देश की मिट्टी में मिला दिया..अंतिम विदाई को ऐतिहासिक व अभूतपूर्व बनाने की बारी अब रायगढ़ की हैं ताकि शहीद त्रिपाठी-परिवार की दास्ताँ युगों-युगों तक अमर रहें…

माटी पुत्र विप्लव की मौत की खबर से शहर सदमे में है शहरवासियों की आँखे नम है। हृदय स्तब्ध है.. विप्लव के दादा स्वर्गीय किशोरी मोहन त्रिपाठी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे। गाँधी जी के साथ आजादी आंदोलन में सहभागिता निभाने वाले किशोरी मोहन त्रिपाठी जी संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य थे और पहले मनोनीत साँसद भी रहे। देश के लिए जीने मरने का जज्बा विप्लव ने अपने दादा के जीवन से सीखा।

त्रिपाठी परिवार सदा देश व समाज के लिये समर्पित रहा। 50 बरस पहले दादा ने साप्ताहिक बयार की नींव रखी। अखबार की इस विरासत को विप्लव के वकील पिता सुभाष त्रिपाठी ने संभाला। माता श्रीमती आशा त्रिपाठी ने गर्ल्स कॉलेज में लाइब्रेरियन रहते हुए रिटायरमेंट लिया। बड़ा बेटा कर्नल विप्लव मणिपुर में पदस्थ था और छोटा बेटा लेफ्टिनेंट मेजर शिलोंग में पदस्थ है। 3 माह पहले मणिपुर में पदस्थापना के पहले विप्लव मिजोरम में 2 साल तक पदस्थ रहे।
कार्मेल स्कूल में पहली से पांचवीं तक पढ़ाई पूरी करने के बाद बुलु इसके अविभाजित मध्यप्रदेश में रीवा के सैनिक स्कूल में पांचवी से 12 तक पढ़ाई पूरी की। उंसके बाद एनडीए खड्गवासला पुणे पढ़े। वहां से देहरादून आईएमए में ट्रेनिंग ली फिर पहली पोस्टिंग लेह लद्दाख की खतरनाक पहाड़ियों में हुई।

2014 के दौरान विप्लव का विवाह बिलासपुर निवासी अनुजा से हुआ दोनो को 5 वर्षीय बेटा अबीर है l 30 अक्टोबर 2019 बयार की 50 वी स्थापना के वर्ष के आयोजन के दौरान दोनो भाई साथ थे l विप्लव की मृत्य राष्ट्र के प्रति समर्पण है विप्लव ने तो माटी का कर्ज चुका दिया। आतंकताई की बंदूकों ने देश के बेटे विप्लव की साँसे छीन ली… विप्लव के इस योगदान को कभी नही भुला पाएंगे। शरीर को विधाता ने नश्वर बना दिया लेकिन विप्लव जैसे सपूत अपने नाम को अमर बना गए।

देश की रक्षा के लिये अपने लहू को मिट्टी में मिलाने वाले इस कर्नल ने अपना फर्ज तो अदा कर दिया । त्रिपाठी परिवार के बेटे को अंतिम विदाई के पहले हर रायगढवासी को अपना फर्ज अदा करना है। जिंदगी में बहुत हसरतें सीने में दफन होती है लेकिन हकीकत के धरातल में नही आ पाती। राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव तो हर सीने में मौजूद होता है लेकिन समय रहते उसकी अभिव्यक्ति नही हो पाती। माँ भारती के वीर सपूत, रायगढ़ माटीपुत्र के अंतिम सफर के दौरान शिक्षाविद राजनैतिक दल सामाजिक संस्थाएं बुद्धिजीवी प्रशासनिक अधिकारी ,सभी शहर वासी शामिल होकर त्रिपाठी परिवार के दुख में सहभागी होकर राष्ट्र के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करे….💐वीर महान बलिदानी त्रिपाठी परिवार अमर रहें💐

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