रायगढ़ – अनुमति जी प्लस वन की…लेकिन भू-स्वामी द्वारा निगम के तमाम नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए कराया जा रहा है दूसरे, तीसरे व चौथे तल पर अवैध निर्माण… जिसे दिक्कत हो मुझसे सीधे आकर बात करें – भू-स्वामी, निगम चाहें तो ऐसे मामलों में लगा सकती हैं लाखों रुपये का जुर्माना…या फिर अवैध निर्माण को कर सकती हैं डिस्मेंटल…

रायगढ़ – रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में इन दिनों शासकीय व नजूल भूमि पर अवैध कब्जा, बगैर औपचारिक अनुमति के भवन निर्माण व अतिक्रमण करने वालों के हौसलें पूरी बुलंदी पर हैं जिसकी सबसे प्रमुख वजह क्षेत्र पार्षदों की मौन स्वीकृति व निगम अमले की उदासीनता ही है।
इसी कड़ी में स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत जूटमिल ईलाके से एक अवैध निर्माण की खबर सामने आ रही है जहाँ भूस्वामी द्वारा जी प्लस वन की (ग्राउण्ड फ्लोर व प्रथम तल निर्माण) की अनुमति ली गयी हैं लेकिन भू स्वामी द्वारा निगम के सारे नियम कायदों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए दूसरे, तीसरे व चौथे तल भी निर्माण कार्य कराया जा रहा है जो कि छ.ग. नगर पालिक निगम, अधिनियम 1956 की धारा 293 एवं 294 का खुले उल्लंघन का मामला हैं जबकि ऐसे मामलों में निगम के सक्षम अधिकारी व भू निर्माण विभाग नियमतः नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 307 के तहत अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही कर सकता हैं।
वही जब इस मामलें को लेकर हमारे संवाददाता ने भू स्वामी से बात तो उनका जवाब बेहद हास्यास्पद था उनके मुताबिक उनकी अनुमति का आवेदन निगम के कम्प्यूटर में फीड हैं और जिसे आपत्ति होगी वो उनसे सीधे आकर मिलकर बात कर सकता हैं हालांकि इस मामलें में क्षेत्र पार्षद का कहना है कि उनकी जानकारी के मुताबिक भी उक्त भवन निर्माण हेतु निगम से जो अनुमति ली गई है वो जी प्लस वन की हैं बाकी वो वर्किंग दिवस पर निगम से इसकी पूरी जानकारी एकत्रित कर ही औपचारिक बयान दे पाएंगे।
बहरहाल इस मामलें के सामने आने के बाद अब यह कहना गलत नहीं होगा कि नगर निगम का भू निर्माण अमला इन दिनों शीत सुप्तावस्था में चला गया है जिसका लाभ उठाते हुए पूरे निगम क्षेत्र में शासकीय व नजूल भूमि पर न सिर्फ सिर्फ धड़ल्ले से लोग कब्ज़ा कर रहे हैं बल्कि बगैर निगम की औपचारिक अनुमति लिए अवैध भवन निर्माण भी कर रहे हैं जिसमें ज़्यादातर मामलों में म्यूचअल सेटिंग से प्रकरण को रफा दफा करने की भी जानकारी बीच बीच में सुनने को मिलते रहती हैं बाकी हम ऐसी किसी भी जानकारी के प्रमाणीकरण की पुष्टि नहीं करते है।