रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में नॉर्मल डिलीवरी से हुए cojoined twins..थोरैकोपैगस थे ट्विंस..50 हजार में एक मामला आता है ऐसा..गाइनकोलॉजिस्ट Dr त्रिभुवन साहू एंड टीम ने बड़ी कुशलता से कराया था डिलीवरी…लेकिन प्रीमेच्योर होने की वजह से…

रायगढ़। जिले के एकमात्र मेडिकल कॉलेज संत गुरु घासीदास मेडिकल कॉलेज के नाम आज एक स्वर्णिम उपलब्धि उस समय जुड़ गई, जब एक प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को मेडिकल कॉलेज लाया गया, प्राथमिक जांच के दौरान मौके पर मौजूद स्त्री रोग विशेषज्ञ Dr त्रिभुवन साहू ने पाया कि प्रसव पीड़ा अंतिम पड़ाव पर है और प्रसूता की इमरजेंसी डिलीवरी करानी होगी और फिर आनन फानन में DR साहू ने अपनी सहयोगी टीम को डिलीवरी के लिए तैयार किया , चूंकि मामला प्री मैच्योर डिलीवरी से जुड़ा था और प्रसूता ने गर्भावस्था के 6 महीने के दौरान एक बार भी किसी तरह का क्लिनिकल डायग्नोसिस नही कराया था और न ही किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लिया था फिर भी डॉ साहू ने तात्कालिक परिस्थितियों के अनुसार महिला का सफलतापूर्वक डिलीवरी कराया, जिसमें प्रसूता ने एक नही बल्कि एक साथ COJOINED TWINS को जन्म दिया था दुर्भाग्य वश दोनों नवजात शिशु जन्म से ही मृत पाए गए!
लेकिन DR साहू एंड उनकी टीम ने अपनी डेडीकेशन और स्किल के बूते आपात स्थिति में लाई गई प्रसूता की करिश्माई ढंग से नॉर्मल डिलीवरी करा कर जान बचाने का कार्य किया।

बता दें कि यह मामला मेडिकल जगत में” रेयर ऑफ रेयरेस्ट” केस माना जाता है और आज की तारीख में ऐसे मामले 50 हजार में से एक सामने आते है जिनमें लगभग 60% बच्चे जन्म से ही मृत ही निकलते हैं खासकर छाती (थोरैकोपैगस) से जुड़े जुड़वा बच्चों के मामले में।