रायगढ़ – शहर के सबसे बड़े कचरा डंपिंग यार्ड में निपटान ठेके के बाद से अचानक से होने लगी हैं आगजनी की घटनाएं…ठेका कंपनी की कार्यशैली को लेकर उठने लगे हैं सवाल…सैकड़ों टन कचरे में लगी आग से उठने वाले जहरीले धुएँ से क्षेत्रवासियों का जीना हुआ मुहाल…

रायगढ़ – एक ओर जिला प्रशासन, निगम प्रशासन व जिला पर्यावरण विभाग शहर साफ, स्वच्छ व हरा भरा रखने की कवायद में जुटा हुआ है जिसके लिए अभी दो दिन पहले ही हमारे रायगढ़ नगर निगम को स्वच्छता के लिए देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत किया गया है तो दूसरी तरफ उसी नगर निगम प्रशासन की अनदेखी की वजह से शहर के बीचोंबीच बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण फैल रहा है जिसकी वजह से क्षेत्र के बाशिंदों का साँस लेना तक मुहाल हो गया है।
जी हाँ, यहाँ हम बात कर रहे हैं नगर निगम क्षेत्र के सबसे बड़े कचरा डंपिंग यार्ड जो कि शहर के बड़े रामपुर क्षेत्र में स्थित हैं जहाँ रोजाना पूरे शहर से हज़ारों टन कचरा निगम द्वारा डंप किया जाता हैं और जिसके निपटान का ठेका अभी हाल ही में किसी बाहरी कम्पनी को 2 करोड़ 5 हज़ार रुपये में दिया गया है पर यहाँ के बाशिंदों का कहना है कि जब से कचरे के निपटान को लेकर बाहरी कम्पनी को ठेका दिया गया है उसके कुछ दिनों के बाद से ही रोजाना इस कचरा-डंपिंग यार्ड में आगजनी की घटनाएं होने लगी हैं जबकि इसके पूर्व कभी ऐसी घटनाएं नहीं हुई थी। स्थानीय लोगों के इस आरोप के बाद ऐसा प्रतीत भी होने लगा है कि उक्त ठेका कम्पनी द्वारा कचरा निपटान की लागत को कम करने के मंसूबे से ऐसा किया गया हो, हालांकि हम एक जिम्मेदार मीडिया संस्थान के तौर पर ऐसे किसी भी स्थानीय आरोपों की प्रमाणिकता का न तो दावा करते हैं और न ही ऐसी किसी संभावना को सिरे से खारिज करते हैं। पर कई एकड़ के क्षेत्रफल में फैले इस कचरा डंपिंग यार्ड में अचानक से कचरा निपटान ठेके के बाद से ही हो रही आगजनी की घटनाओं से कहीं न कहीं ठेका कम्पनी व ठेकेदार की कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर लग गया है।
इस पूरे मामलें का दूसरा त्रासदीपूर्ण पहलू यह भी हैं कि हज़ारों टन कचरे में चौबीस घंटे सुलगती आग का जहरीला धुआं करीबन आधा किलोमीटर तक के दायरे में फैल रहा है। इससे आसपास बसी करीब 6-7 हजार लोगों की आबादी में लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया है खासकर निगम के वार्ड क्रमांक 8 व वार्ड क्रमांक 6 के बाशिंदों का। जब क्षेत्र में कचरे से निकलने वाले विषाक्त धुएँ को लेकर हमारे संवाददाता ने क्षेत्र की पार्षद श्रीमती रुकमणी देवी से बात की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि उस पूरे क्षेत्र में इससे कचरे के ढ़ेर से उठने वाले विषाक्त धुएँ से स्थानीय बाशिंदों का साँस लेना बुरी तरह से मुहाल हो गया है जिसको लेकर निगम प्रशासन को मौखिक रूप उनके द्वारा कई बार शिकायत की गई हैं पर समस्या का निदान अब तक नहीं किया गया है।
बहरहाल , शहर के बीचोंबीच निगम क्षेत्र की सीमा के भीतर स्थित शहर के सबसे बड़े कचरा डंपिंग यार्ड में बार बार लगने वाली आग व उससे उठने वाले जहरीले धुएँ ने इस बात का अहसास करा दिया है कि स्वच्छता को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पुरुष्कार लेने वाले निगम प्रशासन की पोल खोल कर रख दी हैं कि वो स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर कितना संवेदनशील हैं ?