रायगढ़ : “रामलीला मैदान” को लेकर शहर के खेलप्रेमियों ने एक बार फिर कलेक्टर और निगम आयुक्त को सौंपा ज्ञापन..CM भूपेश बघेल द्वारा कलेक्टर को ‘मार्किंग’ किए गए पत्र की कॉपी के साथ दिलाई जीर्णोधार की याद..जनप्रतिनिधियों और अफसरों के आश्वासन से हताश खेलप्रेमी अब CM भूपेश बघेल के जनचौपाल में उठाएंगे इस मुद्दे को…

जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा बार-बार दिए जा रहे झूठे आश्वासन से खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं खिलाड़ी और खेल प्रेमी
रायगढ़। वर्षों से रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार की मांग कर रहे खिलाड़ियों, सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों व खेलप्रेमियों ने आज फिर रायगढ़ कलेक्टर श्री भीम सिंह के नाम अपर कलेक्टर श्री कुरुवंशी जी एवं नगर निगम कमिश्नर श्री संबित मिश्रा को ज्ञापन सौंपते हुए रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार की मांग की है। ज्ञात हो कि रामलीला मैदान में वर्तमान में हो रहे अवैध निर्माण के पश्चात खिलाड़ियों व खेल प्रेमियों में काफी रोष व्याप्त हो गया इसके पश्चात उन्होंने सामूहिक रूप से रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार एवं सीमांकन हेतु कलेक्टर रायगढ़ के अनुपस्थिति में नजूल अधिकारी रोहित सिंह को ज्ञापन सौंप सीमांकन की मांग की थी। इसके बाद राजस्व टीम ने 06 जून 2022 को मैदान का सीमांकन किया और मौखिक रूप से कई अतिक्रमण की जानकारी दी लेकिन अभी तक उसका जांच प्रतिवेदन नहीं मिला है तो किसका-किसका कब्जा है यह स्पष्ट रूप से सामने नहीं आ पाई है।




दूसरी महत्वपूर्ण बात छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फरवरी 2019 को रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक के द्वारा रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार के लिए किए गए निवेदन-पत्र पर रायगढ़ कलेक्टर को प्रस्तावानुसार कार्य करने हेतु मार्किंग कर दिया था लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्किंग के पश्चात भी अफसरों ने इस विषय को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया जिसका खामियाजा आज तक रामलीला मैदान में खेलने वाले खिलाड़ी भुगत रहे हैं। नगर निगम आयुक्त व नगरीय प्रशासन के बीच केवल पत्राचार होता रहा है। रामलीला मैदान के कायाकल्प के लिए राशि स्वीकृति के नाम पर चवन्नी भी अभी निगम को नहीं मिली है जबकि नगर सरकार द्वारा फरवी 2022 को विज्ञप्ति जारी कर 45.15 लाख रुपये की स्वीकृति होने की जानकारी मीडिया के माध्यम से शहरवासियों को दी गई। इस बारे में पता किया गया तो मालूम चला कि स्वीकृति नहीं हुई है बल्कि नगरीय प्रशासन ने स्वीकृति के लिए आवश्यक दस्तावेज नगर निगम से मंगाए हैं। अभी भी पत्राचार का दौर चल रहा है वित्तीय स्वीकृति तो दूर की कौड़ी है। रामलीला मैदान की भूमि पर अवैध निर्माण को लेकर भी नगर निगम संजीदा नहीं है बल्कि संदिग्ध भूमिका में है। नजूल विभाग द्वारा सीमांकन किया जा चुका है जांच प्रतिवेदन की कॉपी आने के बाद खेल संघ एवं खेल प्रेमी पुनः कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त से हो रहे अवैध निर्माण की जांच एवं रामलीला मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराने मुलाकात कर मांग करेगी।
जनचौपाल में मुख्यमंत्री का कराएंगे ध्यानाकर्षण
वर्षों से रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार के लिए प्रयासरत खिलाड़ीयों एवं खेलप्रेमीयों ने अब मैदान के लिए आर-पार की लड़ाई का बना लिया है। उनका कहना है कि हम अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग कर कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त एवं शहर के तमाम जनप्रतिनिधियों को ज्ञाप सौंप रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार के लिए कहेंगे। ज्ञापन देने गए प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के जनचौपाल की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है, जहां वे त्वरित रूप से समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं तो हम भी उनसे मिलकर रामलीला मैदान के विषय में उन्हें अवगत कराएंगे और बताएंगे कि उनके द्वारा पत्र पर मार्किंग करने के बाद भी अफसरों द्वारा रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया गया जिसके कारण आज तक रामलीला मैदान अव्यवस्थाओं का दंश झेल रहा है। कोई वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से, संजय पल्लू बेरीवाल, नितेश सोनी, नरेंद्र चौबे, लक्ष्मीकांत दुबे, अभिषेक ठाकुर, विकास पाण्डेय, संजय जोगी, गोवर्धन सारथी, अंशु टुटेजा, संजय बैरागी, व अन्य साथी उपस्थित रहे।