कोरोनाछत्तीसगढ़

अगर सरदर्द, सर्दी-बुखार, भूख की कमी व थकान जैसे लक्षण से जल्दी आराम नहीं मिल रहा हो तो तत्काल कराएं कोरोना-टेस्ट…लापरवाही पड़ सकती हैं जान पर भारी..प्रदेश के कुल एक्टिव कोरोना संक्रमितों में से आधे से ज़्यादा रायगढ़, रायपुर व दुर्ग जिले से….

छत्तीसगढ़ में मौसम बदलने के साथ सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीज अचानक बढ़े हैं। आमतौर पर सर्दी-बुखार को लोग कोरोना के पहले जिस तरह समझते थे, अभी भी वही स्थिति है। डॉक्टर इसे ही खतरनाक स्थिति मान रहे हैं। डाक्टरों का कहना है सर्दी-बुखार जल्दी ठीक नहीं हो रही। भारी सिरदर्द, भूख नहीं लगना या किसी काम को करते हुए थोड़ी देर में ही थकान लगने पर भी कोरोना जांच करवाना चाहिए। कल प्रदेश में मिले 16 नए कोरोना संक्रमितों को मिलाकर अब प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या सवा तीन सौ के पार हो चुकी हैं जिसमें से आधे से ज़्यादा मरीज रायपुर, रायगढ़ व दुर्ग जिले से है।

साथ ही कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन को लेकर विशेषज्ञ, डॉक्टर भी अलर्ट हो गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में इन दिनों सीजनल वायरल के मरीज काफी संख्या में मिल रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है क्लीनिकल जांच के जरिए कभी भी ये नहीं कहा जा सकता है कि किस मरीज को कोरोना है या किसको नहीं। ऐसी स्थिति में दो-तीन तक सर्दी, खांसी, बुखार ट्रीटमेंट लेने के बाद भी ठीक न हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर कोरोना की जांच करवाना ही बेहतर रहेगा।

मेडिसिन और चेस्ट एंड टीबी के ज्यादातर विशेषज्ञ किसी भी असहज स्थिति में कोरोना जांच करवाने की हिमायत कर रहे हैं, क्योंकि कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर अभी बहुत अधिक स्थितियां स्पष्ट नहीं हुई है। अभी तक केवल एक बात ही स्पष्ट रूप से सामने आ रही है कि नए वैरिएंट में संक्रमण का फैलाव तेजी से हो रहा है।

विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग किसी भी तरह का रिस्क न लें, जांच करवाने में कोई हिचक भी न रखें। कोरोना की दोनों लहरों में देखा गया है कि जल्दी जांच करवाने से इलाज भी जल्दी शुरु होता है और मरीज के गंभीर होने की आशंका भी नहीं रहती है। मरीज स्वस्थ भी जल्दी ही हो जाता है।

सतर्कता जरूरी

  • मास्क, दूरी, सफाई का नियम पालन करें।
  • वैक्सीन नहीं लगवाई है तो जरूर लगवा लें।
  • सर्दी, खांसी जल्दी ठीक नहीं तो टेस्ट करवाएं।

एक्सपर्ट व्यू; सर्दी, खांसी, बुखार ठीक न हो तो जांच ही बेहतर

  • कोरोना की पहली लहर से संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉ. अब्बास नकवी का कहना है शहर में अभी ज्यादातर मरीज सीजनल वायरल से पीड़ित आ रहे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि लोग लापरवाही बरतें। सर्दी, खांसी, बुखार की स्थिति में अगर दो-तीन रोज में इलाज दवा लेने के बावजूद भी ठीक नहीं हो रहे हैं तो कोरोना जांच जरूर करवा लेना चाहिए। हाईग्रेड फीवर, सांस लेने में दिक्कत, आक्सीजन लेवल में कमी, सांस फूलना ये भी कोरोना हो सकता है, इस तरह की स्थिति है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। किसी भी सूरत में खुद से दवाएं लेना ठीक नहीं है। ऐसे में जितना ज्यादा सावधानी बरती जाए उतना ही ठीक रहेगा। – डॉ. अब्बास नकवी, एमडी, मेडिसिन

मास्क, सोशल दूरी, सैनिटाइजेशन कारग – चूंकि कोरोना के नए वैरिएंट में वैक्सीन कितनी कारगर है, इसे लेकर फिलहाल बहस चल रही है। लेकिन मास्क, सोशल दूरी और सैनिटाइजेशन जैसी सावधानी अब भी पूरी तरह कारगर है। इसको लेकर कोई संदेह की गुंजाइश ही नहीं है, वैक्सीनेशन अगर नहीं करवाया है तो जरूर करवाएं क्योंकि बाकी वैरिएंट से इससे बचाव तो हो ही रहा है। आजकल ज्यादातर मरीजों में सीजनल वायरल भी देखा जा रहा है, सर्दी, खांसी, बुखार की स्थिति में कोरोना जांच जरूरी है क्योंकि कोई भी सर्दी, खांसी या बुखार कोविड हो सकता है। वहीं अगर बहुत अधिक सिरदर्द हो, भूख नहीं लग रही है, छोटे मोटे काम करने से शरीर थक रहा है तो कोरोना जांच जरूर करवाना चाहिए। – डॉ. ओपी सुंदरानी, एचओडी, क्रिटिकल केयर अंबेडकर अस्पताल

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