
रायगढ़ – निगम उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई है। दुर्ग-रिसाली व भिलाई में दोनों ही पार्टियां अपने प्रत्याशी भी घोषित कर चुकी हैं तो वहीं रायगढ़ नगर निगम के दो वार्डों के उपचुनाव को लेकर आज नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख तक दोनों ही वार्डों में भाजपा, एकमत होकर प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर पाई है जबकि कांग्रेस की ओर से दोनों ही वार्डों में करीब-करीब प्रत्याशियों के नाम तय हो चुके हैं।
वार्ड नं 9 में जहाँ काँग्रेस पूर्व पार्षद स्व. कमल पटेल की धर्मपत्नी श्रीमती रंजना पटेल को प्रत्याशी घोषित कर चुकी हैं तो वहीं वार्ड नं 25 से हाल ही में भाजपा से काँग्रेस प्रवेश करने वाली नेत्री सपना सिदार व सत्यवती पटेल में से एक नाम तय होना शेष है। वहीं दूसरी ओर भाजपा दोनों ही वार्डों में आज पर्यंत अपने प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई हैं जहाँ वार्ड नं 9 से कल मेहरुन्निसा ने नामांकन लिया है वही खबर है कि पूर्व पार्षद श्रवण सिदार भी आज नामांकन दाखिल करेंगे, जबकि वार्ड नं 25 में भाजपा को खुद के अधिकृत प्रत्याशी तक नहीं मिल पाये हैं हालांकि कल क्षेत्र के दिग्गज भाजपा नेता व भाजपा जिला उपाध्यक्ष आशीष ताम्रकार ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती श्रद्धा ताम्रकार के नाम से जरूर नामांकन लिया है वहीं इसी वार्ड से श्रीमती रश्मि वर्मा (गबेल)ने भी नामांकन लिया है पर जो जानकारी मिल रही हैं उसके मुताबिक इस वार्ड से अब श्रीमती रश्मि वर्मा को टिकट मिलना करीब करीब तय माना जा रहा है क्योंकि सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही हैं कि यहाँ से नामांकन लेने वाली दूसरी प्रत्याशी श्रीमती श्रद्धा आशीष ताम्रकार ने किसी अज्ञात कारणों से अब नामांकन नहीं भरने का मन बना लिया है।
बहरहाल , यह उपचुनाव चुनाव भाजपा के लिए महज एक निगम का चुनाव मात्र नहीं हैं बल्कि एक तरह से विधानसभा चुनाव 2023 के लिहाज से अपनी तैयारी को भांपने के हिसाब से एक वार्मअप चुनाव की तरह है जिसमें अब रायगढ़ भाजपा पूरी तरह पिछड़ती हुई नजर आ रही है चूंकि जहाँ प्रदेश भाजपा आलाकमान को उम्मीद थी कि भाजपा एकजुट होकर इस चुनाव में न सिर्फ उतरेगी बल्कि जीत भी हासिल करेगी। तो फिलहाल उस कसौटी में भाजपा अब असफल होते दिखाई दे रही हैं जिसकी वजह भी स्पष्ट है कि निगम के वार्ड नं 25 जहाँ की कुल आबादी करीबन 3 हज़ार हैं वहाँ भाजपा के पास एक भी ऐसा अदद चेहरा तक नहीं हैं जिसे वो यहाँ से अपना प्रत्याशी बना कर चुनाव में उतार सकें। अब इसे राजनीतिक विडंबना ही कहा जायेगा कि जिस पार्टी की पहचान पूरे देश मे क्रेडर-बेस्ड पार्टी के रूप में है उसके पास 3 हज़ार की आबादी वाले वार्ड में एक भी ऐसे कार्यकर्ता तक नहीं हैं जिसे वो इस वार्ड से अपना प्रत्याशी घोषित कर सकें। और तो और इस वार्ड से भाजपा नेतृत्व जिसे टिकट देने का मूड बना रहें हैं वो भाजपा की न तो सक्रिय सदस्य हैं और न ही उसके पास भाजपा में कार्य करने का कोई अनुभव हासिल है। इस वार्ड में प्रत्याशी चयन को लेकर जो माथापच्ची देखने को मिल रही हैं उसको देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि एक बार निगम चुनाव 2019 की तरह ही जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल भारी दबाव में नज़र आ रहे हैं।
ऐसे में इस बात का अंदाज़ा लगाना कोई मुश्किल काम नहीं हैं कि रायगढ़ भाजपा नेतृत्व , आसन्न विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कितने संजीदा हैं और जमीनी तौर पर उनकी और रायगढ़ भाजपा की तैयारी कितनी मजबूत हैं…?