रायगढ़ – गोड़मिया राम के प्रताप के आगे खनिज विभाग नतमस्तक…खनिज विभाग यदि लीज़ एरिया की जाँच ट्रिगर तकनीक से व नए सिरे से कर निर्धारण करें तो सफेदपोश ठेकेदार सहित कई खदान संचालकों का भी नपना तय….पर्यावरण अधिकारी पर लगें आरोप पर उनका हास्यास्पद बयान भी चर्चा का विषय….

रायगढ़ – नेशनल हाईवे 53 से लगें टीमरलगा-गुड़ेली क्षेत्र के क्रशर व खदान संचालको की मनमानी व दादागिरी अपने पूरे चरम पर हैं। आये दिन इस क्षेत्र के किसी न किसी क्रशर अथवा खदान संचालकों की भर्राशाही की खबरें स्थानीय अखबारों व वेब न्यूज़ पोर्टल्स की सुर्खियों पर बनी हुई हैं। चाहें बात फिर “बंटी के “श्री श्याम” की हो” या फिर शहर के सफेदपोश रसूखदार ठेकेदार व बिल्डिंग मटेरिएल सप्लायर की हो, दोनों ही मामलों में जिस कूटरचित व अवैध तरीके से खनन कार्य को किया गया है यदि उनके द्वारा लीज़ पर ली गयी जमीन खनन एरिया की जाँच खनिज विभाग ट्रिगर तकनीक से कराता और नये सिरे से कर निर्धारण करता हैं तो फिर इतना तो तय है कि दोनों ही क्रशर व खदान संचालक लंबे से नप जायेंगे।

इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद कल जब हमारे एक स्थानीय संवाददाता ने पर्यावरण विभाग द्वारा जारी क्लोज़र नोटिस को लेकर रायगढ़ शहर के एक युवा क्रशर व खदान संचालक से बात की तो उनका बिल्कुल स्पष्ट लहज़े में कहना था कि क्लोज़र नोटिस जैसी कार्यवाही को वो रूटीन प्रक्रिया मानते हैं और क्लोज़र नोटिस की मियाद पूरी होने के बावजूद वो आज भी अपने खदान की खामियों को बिना दुरुस्त किये खनन कार्य कर रहे हैं क्योंकि इसके एवज में उन्होंने अफसरों को चढ़ावा चढ़ा दिया है औऱ वे नियमित रूप से ऊपर से नीचे तक सभी को चढ़ावा देते है फिर क्यूँ किसी कार्यवाही से डरेंगे…?? हालांकि जब इस विषय में हमनें जिला पर्यावरण क्षेत्रीय अधिकारी श्री वर्मा से बात की तो उनका कहना है कि ऐसे आरोप तो लगते रहते हैं लोग कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं। वैसे देखा जाये तो पर्यावरण अधिकारी का यह बयान हास्यास्पद लगता है क्योंकि क्लोज़र नोटिस की मियाद पखवाड़े भर पहले ही खत्म हो चुकी हैं और कायदे से जहाँ सभी 10 खदानों पर तालेबंदी की कार्यवाही हो जानी चाहिए थी तो आज पर्यंत सभी 10 खदानें तमाम अनियमिताओं के साथ धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं।
वहीं अब इस पूरे क्षेत्र में क्षेत्रीय खनिज उत्खनन में प्रतिस्पर्धा इतनी ज़्यादा बढ़ गई है कि कोई किसी भी हद तक जाने को तैयार हो गया है। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो कोई गोड़मिया हैं जो खुलेआम तमाम सरकारी व खनिज विभाग द्वारा जारी नियम कायदों की धज्जियाँ उड़ाते हुए बहुत बड़े पैमाने पर लीज़ में ली गयी जमीन का अतिक्रमण करते हुए लीज़ से बाहर के एरिया में खनन कार्य कर रहा है। बता दें कि उक्त गोड़मिया के हौसलें इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब वह न सिर्फ रात बल्कि दिन के उजाले में धड़ल्ले से अवैध खनन करने से बाज़ नहीं आ रहा है स्थानीयों की मानें तो उक्त व्यक्ति द्वारा किये जा रहे अवैध खनन की तमाम जानकारियां खनिज विभाग के आला अफसरों को भी हैं किंतु सभी इस गोड़मिया के राम के प्रताप के आगे नतमस्तक हैं संभवतः यही वजह भी है कि इस अवैध उत्खनन को करने वाले गोड़मिया पर आज पर्यंत कोई बड़ी व ठोस कानूनी कार्यवाही न तो खनिज विभाग ने की है और न ही जिला राजस्व विभाग ने।