
रायगढ़ – आज एक बार फिर रायगढ़ कॉंग्रेस को उस वक्त बड़ी फ़ज़ीहत का सामना करना पड़ा जब मामूली से विवाद को लेकर महिला कॉंग्रेस की नवनियुक्त जिलाध्यक्ष श्रीमति बरखा सिंह व निगम पार्षद संजना शर्मा के बीच निगम परिसर के भीतर सभापति जयंत ठेठवार के केबिन में ही इतना जोरदार विवाद हो गया कि हाथापाई तक की नौबत आ गई थी।
दरअसल पूरा मामला एक बेज़ा कब्ज़ा की बेदख़ली की कार्यवाही से जुड़ा नज़र आ रहा है। जहाँ दो दिन पूर्व वार्ड नं 26 छोटे अतरमुड़ा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक मांगलिक भवन के ठीक पीछे सरकारी-नजूल भूमि पर हो रहें अवैध कब्जे व निर्माण को लेकर भाजपाई पार्षदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा जिला उपाध्यक्ष व पूर्व वरिष्ठ पार्षद आशीष ताम्रकार की अगुवाई में निगम आयुक्त को लिखित ज्ञापन सौंपकर इस अवैध निर्माण पर बेदख़ली की कार्यवाही की माँग की थी जिसपर निगम आयुक्त ने भी जाँच उपरांत उचित कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया था। इसी कड़ी में आज दोपहर नगर निगम का बेजाकब्ज़ा तोड़ू अमला व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम अवैध निर्माण को डिस्मेंटल करने की इरादे से वार्ड नं 26 पहुँची और बेदख़ली की कार्यवाही करने लगी।

इसी दौरान वार्ड नं 27 की पार्षद संजना शर्मा (कॉंग्रेस) भी वहाँ आ धमकी और निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम से वहाँ अवैध निर्माण पर हो रही बेदख़ली की कार्यवाही को लेकर बातचीत करने लगी। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो इस बीच अचानक से क्षेत्र की महिला पार्षद संजना शर्मा काफी आक्रामक हो गयी और बेदख़ली की कार्यवाही करने पहुँची संयुक्त टीम से भिड़ गयी और कहने लगी कि बिना नोटिस दिये व पूर्व सूचना के ही इस तरह बेदख़ली की कार्यवाही करना न तो विधिसम्मत हैं और न ही नैतिक रूप से उचित है। आगे महिला पार्षद ने संयुक्त टीम की बेदख़ली की कार्यवाही को चैलेंज करते हुए यहाँ तक कह दिया कि अगर है हिम्मत तो यहीं करीब में महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष श्रीमती बरखा सिंह द्वारा भी अवैध निर्माण कराया जा रहा है उस पर बुलडोजर चलवा कर दिखाओ। जिसके बाद तोड़ू अमला महिला काँग्रेस जिलाध्यक्ष के घर जा पहुंचा और क्षेत्र की महिला कांग्रेस पार्षद संजना द्वारा लगाए गए आरोपों से महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष को अवगत कराते हुए उनसे निर्माण संबंधी आवश्यक दस्तावेजों की माँग की गई जिस पर पहले तो बरखा सिंह ने अपने आवासीय पट्टे की जानकारी प्रशासनिक अमले को दी, जिसके बाद प्रशासनिक अमले ने उक्त निर्माण को लेकर महिला पार्षद द्वारा लगाए गए आरोप को असत्य मानते हुए एक औपचारिक पंचनामे की कार्यवाही कर वहाँ से निकल गए।
लेकिन इस बीच क्षेत्र की महिला पार्षद संजना व महिला कॉंग्रेस की जिलाध्यक्ष बरखा सिंह की बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। जिसमें महिला काँग्रेस जिलाध्यक्ष बरखा सिंह का कहना था कि आखिर दूसरे वार्ड में चल रही बेदख़ली की कार्यवाही के दौरान क्षेत्र की पार्षद संजना को मेरे घर-मकान को लेकर शिकायत करने की क्या जरूरत थी ? बाद में मामलें की जानकारी निगम सभापति जयंत ठेठवार को मिली जिसके बाद उन्होंने दोनों पक्षों को अपने निगम स्थित कार्यालय में बुलाया। कुछ देर बाद दोनों पक्ष वहाँ पहुँच भी गए, और अपनी अपनी बात को रखने लगे..इस दौरान सभापति जयंत भी लगातार उन्हें समझाईश देकर मामलें को शांत कराने की कोशिश करते नज़र आये लेकिन तभी हमेशा विवादों में रहने वाली कांग्रेसी महिला पार्षद संजना ने अपना आपा खो दिया और महिला कॉंग्रेस जिलाध्यक्ष के निजी व सामाजिक जीवन को लेकर अपशब्द कहते हुए अमर्यादित टिप्पणी की, जिससे एक बार फिर दोनों पक्षों की बीच निगम सभापति जयंत की मौजूदगी में ही जोरदार झूमाझटकी और गाली गलौज की स्थिति निर्मित हो गयी। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इस दौरान काँग्रेस की दोनों नेत्रियां एक दूसरे पर टूट पड़ी और न सिर्फ आपस में धक्का मुक्की की बल्कि तमाम सामाजिक व राजनीतिक मर्यादा को लांघकर होली के मौके पर गाये जाने वाले फागुन राग का भी खूब प्रयोग किया गया। हालांकि थोड़े ही समय बाद सभापति जयंत किसी तरह बरखा सिंह को समझाइश देकर अपने साथ बाहर ले गए और मामलें को शांत कराया।
बहरहाल , रायगढ़ कॉंग्रेस की दो महिला नेत्रियों के बीच हुए इस सार्वजनिक झूमाझटकी व गालीगलौज को लेकर रायगढ़ की राजनीति से जुड़े जानकारों का मानना हैं कि ये मामला महज सतही तौर पर निजी दिखाई दे रहा है जबकि असल में यह पूरा मामला रायगढ़ काँग्रेस की भीतर चल रहें एक बड़े घमासान की बानगी मात्र हैं क्योंकि जहाँ उक्त महिला पार्षद की सियासी तौर पर सभापति जयंत की करीबी मानी जाती हैं तो वहीं महिला काँग्रेस की नवनियुक्त जिलाध्यक्ष बरखा सिंह, स्थानीय विधायक खेमें से जुड़ी मानी जाती हैं जिनकी नियुक्ति को लेकर भी उस समय पार्षद संजना शर्मा व अन्य महिला कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध दर्ज कराया था हालांकि यह बात अलग हैं कि उस समय भी विधायक ने तमाम विरोधों के बावजूद भी बरखा सिंह की ताजपोशी की। सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो अब इस मामलें को रायगढ़ काँग्रेस का एक धड़ा बेज़ा तूल देकर स्थानीय विधायक की सियासी छवि को नुकसान पहुंचाने की रणनीति बनाने में भी जुट गया है हालांकि हम ऐसे किसी भी जानकारी के प्रमाणिक होने की पुष्टि नहीं करते हैं। माना तो यह भी जा रहा है कि अभी हाल में संपन्न हुये उपचुनाव में वार्ड नं 25 से महिला प्रत्याशी सपना सिदार की जीत में भी बरखा सिंह की बड़ी भूमिका रही थी और पार्टी स्तर पर उन्हें इसके लिए काफी सराहना भी मिली थी जो बात क्षेत्र की उक्त महिला पार्षद को काफी नागंवार गुजरी थी। इस बीच हमारे सूत्रों से एक जानकारी यह भी सामने आ रही हैं कि पार्षद संजना शर्मा अपने कुछ सहयोगी कॉग्रेसी पार्षदों के साथ जिला काँग्रेस कमेटी कार्यालय में जिलाध्यक्ष अनिल शुक्ला से मिलकर महिला जिलाध्यक्ष बरखा सिंह को जिलाध्यक्ष के पद से हटाने को लेकर एक औपचारिक शिकायत दर्ज करवाने पहुँच गयी है।
विवादों से ही संजना शर्मा का रहा है गहरा नाता : वैसे यहाँ यह भी बताना जरूरी होगा कि वार्ड नं 27 की महिला पार्षद संजना शर्मा का नाम हमेशा किसी न किसी विवाद से जुड़ता ही रहा है। चाहें बात पूर्व निगम कमिश्नर आशुतोष पाण्डेय के साथ हुए गहमा-गहमी व विवाद की बात हो या फिर निगम के सामान्य सभा के बैठक के दौरान महापौर जानकी अमृत काटजू से हुए विवाद की हो या वर्तमान कलेक्टर से हुए विवाद की बात हो या फिर पार्टीगत स्तर पर वर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल शुक्ला से उनके ही केबिन में जाकर विवाद करने की बात हो। कुल मिलाकर देखा जाये तो यह कोई पहला मामला नहीं हैं जब महिला पार्षद संजना शर्मा का नाम किसी विवाद में सामने आया है जबकि सच्चाई तो यही है कि इनका नाम हमेशा से ही विवादों से जुड़ा रहा है।