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रायगढ़ – मंत्री जी के विधानसभा क्षेत्र का मामला..जहाँ स्थानीय भू-माफियाओं ने सरकारी डेम तक को नहीं बख्शा, फर्ज़ी तरीके से स्टाम्प पेपर पर “सरकारी डेम” को पाटकर बेचने का गोरखधंधा जोरों पर, नगरपंचायत अध्यक्ष व सीएमओ की भूमिका भी संदिग्ध…

रायगढ़ – जिला मुख्यालय से महज 6-7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित किरोड़ीमल नगर इन दिनों स्थानीय प्रिंट व डिजिटल मीडिया पर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है जिसकी वजह है कि यहाँ के ग्राम कोकड़ीतराई में स्थित सरकारी डेम। जिसके एक बड़े भूभाग पर न सिर्फ अवैध तरीके से औद्योगिक अवशिष्ट विषाक्त फ्लाईऐश को डालकर पाटा जा रहा है बल्कि स्थानीय भू माफियाओं द्वारा स्टाम्प पेपर पर फर्ज़ी लिखी-पढ़ी कर इसे बेचा भी जा रहा है।

ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि नगर पंचायत किरोड़ीमल नगर और उसके सर्वेसर्वा नगर पंचायत अध्यक्ष और सीएमओ आखिर कर क्या रहें हैं..? जब खुलेआम स्थानीय भूमाफियाओं द्वारा सरकारी डेम की भूमि को पाटकर स्टाम्प पर फर्ज़ी लिखी-पढ़ी कर इसे बेचा जा रहा है..? स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो अब नगरपंचायत के इन दोनों सर्वेसर्वा की भूमिका को स्थानीय बाशिंदे संदिग्ध मान रहें हैं और तो और पूरे क्षेत्र में दबी जुबान चर्चा जोरों पर है कि इनके सँरक्षण में ही यह पूरा गोरखधंधा चल रहा है। ऐसे में अब क्षेत्र की आम जनता की तमाम उम्मीदें राज्य सरकार में मंत्री व अपने स्थानीय विधायक उमेश पटेल पर जाकर टिक गई है।

दरअसल किरोड़ीमल नगर में स्थित कोकड़ीतराई डेम पूर्व में ही जल संसाधन विभाग की ओर से अधिग्रहीत किया जा चुका है । लेकिन इस सरकारी डैम पर भू माफियाओं की नजर काफी पहले से है । ऐसे में धीरे-धीरे करके इस डैम के एक बड़े हिस्से पर फ्लाई एस डालकर न केवल कब्जा कर लिया गया है बल्कि स्टांप पेपर पर बेच भी दिया गया है। इस पूरे खेल में नगर पंचायत के कुछ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के नाम सामने आ रहे हैं। सवाल खड़ा होना इसलिए भी लाजमी है कि इस अवैध कब्जे को रोकना तो दूर की बात बल्कि इसे वैध कर देने के लिहाज से नगर पंचायत सरकारी रुपया लगाकर यहां सड़क निर्माण की तैयारी भी कर रहा है ।

फ्लाई एस से जहरीला हो रहा यह डैम , 4 गांव के हजारों लोग पीते हैं इसका पानी

इस जलाशय से उच्चभिट्ठी, परसदा, बनहर, गेंजामुड़ा में पानी की सप्लाई होती है। ऐसे में इन चार गांवों के हजारों लोग इस जलाशय के जल का सेवन करते हैं। इस जलाशय में पिछले कई महीनों से बल्कि साल से फ्लाई एस डंप किया जा रहा है जिसमें सम्मिलित जहरीले रसायन पानी में घुलकर पूरे डैम के पानी को विषाक्त कर रहे हैं और इसी विषाक्त पानी को ग्रामीण उपयोग में ला रहे हैं। बावजूद इसके फ्लाई एस डंप करने वाले ठेकेदार पर न तो नगर पंचायत कार्रवाई की हिम्मत जुटा पा रहा है और ना ही जिला प्रशासन इस रसूखदार ठेकेदार पर कार्रवाई कर पा रहा है।

पर्यावरण विभाग फ्लाई एस और स्लैग डालने वाले ठेकेदार और कंपनी पर करेगा कार्रवाई

दरअसल किरोड़ीमल स्थित कोकड़ीतराई जलाशय पर एक ठेकेदार की ओर से जिंदल का फ्लाई एस डंप किया जा रहा है जिसकी वजह से जलाशय का अस्तित्व धीरे-धीरे मिटता जा रहा है और यहां पानी की जगह अब जमीन दिखने लगी है। जैसे ही पानी में फ्लाईएस डाला जाता है वैसे ही उस जमीन का सौदा भी भू माफियाओं की ओर से कर दिया जाता है वह भी स्टांप पेपर पर…। अब इस मामले में पर्यावरण विभाग भी दोषियों पर कार्रवाई की बात कर रहा है। क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी से इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि आपके माध्यम से यह जानकारी मिली है अब निश्चित रूप से संबंधित ठेकेदार और जिस कंपनी से यह माल लाकर यहां डाला जा रहा है उन दोनों पर ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नायब तहसीलदार राठौर कर रहे हैं फर्जीवाड़े की जांच 

रायगढ़ के नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर ने बताया कि जांच के दौरान अब तक किरोड़ीमल के उक्त डैम मैं अवैध कब्जा करने वाले 208 व्यक्तियों को नोटिस थमाया गया है जिसमें से 36 व्यक्तियों के जवाब आ गए हैं। जवाब इस प्रकार भी आए हैं कि उन्होंने कन्हैया नाम के व्यक्ति से स्टांप पेपर पर जमीन खरीदी है। ऐसे में जल संसाधन विभाग को प्रशासन की ओर से कहा गया है कि कन्हैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जाए। इस पूरे मामले की जांच अभी भी लंबित है और सभी नोटिस का जवाब आना शेष है साथ ही किरोड़ीमल में सफेद पोशों की भूमिका की जांच भी लंबित है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि क्या प्रशासन की ओर से जारी यह कार्रवाई सिर्फ जमीन के छोटे दलालों तक ही सीमित रह पाती है या सफेदपोश भूमाफिया भी शासन के रडार पर आ पाते हैं ?

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