
रायगढ़ – रायगढ़ नगर निगम के पूर्व सभापति व वरिष्ठ कांग्रेसी पार्षद सलीम नियारिया द्वारा एक प्रेस वार्ता के दौरान कल 22 फरवरी को प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार व प्रदेश पार्टी नेतृत्व को लेकर को एक बड़ा बयान दिया है जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर जोरों से वायरल हो रहा है।
बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो बीतें कल 22 फरवरी के हैं जब निगम के काँग्रेसी पार्षदों के एक गुट विशेष से जुड़े धड़े द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए वरिष्ठ निगम पार्षद व पूर्व निगम सभापति सलीम नियारिया ने प्रदेश सरकार व प्रदेश संगठन की कार्यशैली के खिलाफ एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि मुझे लगता हैं कि अभी प्रदेश काँग्रेस सत्ता के नशें में चूर हैं।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि भले ही पूर्व सभापति व वरिष्ठ कांग्रेसी पार्षद सलीम नियारिया अपने इस बड़े व पार्टी विरोधी बयान को जस्टिफाई करने के लिए अब कुछ तर्क-वितर्क करें पर सच यही हैं कि निगम चुनाव व शहर सरकार के गठन के बाद से ही स्थानीय स्तर पर शहर काँग्रेस की अंदरूनी खींचतान लगातार सामने आते रही हैं जिसमें रायगढ़ काँग्रेस तीन धड़ों में बंटी हुई नजर आते रही हैं जिसमें एक धड़ा स्थानीय विधायक के साथ तो वहीं दूसरा धड़ा सभापति के साथ, तो तीसरा धड़ा जिसमें स्थानीय मंत्री के विश्वास पात्रों की लंबी फेहरिस्त शामिल है वो महापौर जानकी के पक्ष में खड़ा दिखाई देता है। बहरहाल संजना वर्सेज बरखा एपिसोड में जिस तरह से लगातार शहर काँग्रेस व निगम पार्षदों से जुड़ा एक बड़ा गुट अपने नेता की अगुवाई में शेष दोनों गुटों के ऊपर अपना वर्चस्व स्थापित करने की कवायद करता साफ नजर आया है जिसको देखने के बाद अब स्थानीय स्तर पर शहर कॉंग्रेस के भीतर चल रही गुटीय राजनीति व खींचतान खुलकर सार्वजनिक हो गयी हैं , ये कहना गलत नहीं होगा। मौजूदा समय मे काँग्रेस की भीतर चल रही इस खींचतान का लाभ सीधे विपक्ष में काबिज भाजपा को न सिर्फ निगम में मिल रहा है बल्कि रायगढ़ शहर में भी स्थानीय विधायक और शहर सरकार की छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता साफ नजर आ रहा है जिसका बड़ा खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में काँग्रेस को भुगतना पड़ सकता है।
बता दें कि उक्त प्रेस वार्ता महिला काँग्रेस की जिलाध्यक्ष श्रीमती बरखा सिंह को अध्यक्ष पद व पार्टी से निष्कासन के मुद्दे को लेकर आहूत की गई थी जिसमें सम्मिलित 17 काँग्रेसी पार्षद जो कि एक गुट विशेष से जुड़े मानें जाते हैं अपनी साथी महिला पार्षद सुश्री संजना शर्मा और महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष बरखा सिंह के बीच हुए विवाद के मामलें में सवा महीनें बीत जाने के बावजूद भी बरखा सिंह के खिलाफ वांछित कार्यवाही नहीं होने से आहत होकर प्रेसवार्ता में ही कॉंग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की बात कहीं गयी थी हालांकि इस प्रेस वार्ता के कुछ ही घण्टों बाद देर रात महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष बरखा सिंह ने उन पर बढ़ते स्थानीय राजनीतिक दबाव से परेशान होकर अपना इस्तीफा सौप दिया था।


