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रायगढ़ – फिर बाहर आया पार्क एवेन्यू कॉलोनी-नहर घोटाले का जिन्न : कल विधानसभा सत्र के दौरान विधायक प्रकाश नायक ने की पूरे मामलें में जांच व कार्यवाही की माँग..मंत्री शिव डहरिया ने दिया निष्पक्ष जाँच का आश्वासन, बढ़ सकती हैं AR ग्रुप की मुश्किलें…

रायगढ़ – कल एक बार फिर से शहर के जिंदल रोड स्थित पार्क एवेन्यू कॉलोनी के निर्माण के दौरान कॉलोनाइजर (AR-ग्रुप) द्वारा सुनियोजित व कूटरचित तरीके से टीपाखोल जलाशय से निकली सरकारी नहर को हड़पने का मामला गरमा उस वक्त गया, जब इस कॉलोनी के निर्माण के दौरान कॉलोनाइजर (AR-ग्रुप) द्वारा कूटरचित तरीके से सरकारी नहर को हड़पने व नहर की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कॉलोनी निर्माण करने के इस बहुचर्चित व हाई प्रोफाईल मामलें में जाँच व कार्यवाही करने को लेकर रायगढ़ विधायक प्रकाश ने कल विधानसभा सत्र के दौरान नगरीय निकाय मंत्री डॉ शिव डहरिया से उनका पक्ष जानना चाहा। इस दौरान विधायक प्रकाश नायक द्वारा बिना नाम लिए यह भी स्पष्ट किया गया कि इस रिहायशी कॉलोनी के निर्माण के दौरान किस तरीके से सरकारी नहर की जमीन पर कॉलोनाइजर (AR-ग्रुप) द्वारा अवैध कब्जा व निर्माण किया गया है साथ ही विधायक नायक ने नगरीय निकाय मंत्री डॉ शिव डहरिया का इस ओर भी ध्यानाकर्षण किया कि रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में किस तरीके से राज्य शासन की 152% भू-व्यवस्थापन योजना की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाते हुए सरकारी-नजूल भूमि पर धड़ल्ले से अवैध कब्जा व निर्माण किया जा रहा है और शासन को करोड़ों रुपये की हानि पहुँचायी जा रही हैं। वैसे यहाँ यह भी बताना जरूरी होगा कि अभी हाल ही में AR ग्रुप के दोनों डायरेक्टर आनंद बंसल व राकेश अग्रवाल का नाम कूटरचित तरीके से छातामुड़ा इलाकें की लगभग 29000 हज़ार वर्गफुट सरकारी नजूल भूमि को 152% भू व्यस्थापन नियम के तहत लेने के मामलें में भी सामने आया था जिसमें हमारे सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो एक सोशल व आरटीआई एक्टिविस्ट इस पूरे मामलें को लेकर हाई कोर्ट में रिट दायर करने की तैयारी में हैं।

क्या है पूरा मामला :

खेतों की सिंचाई के लिए बनी नहर के बड़े हिस्से पर कब्जा कर शहर के कथित सफेदपोश कॉलोनाइजर (AR-ग्रुप)ने कॉलोनी खड़ी कर दी। शहर में अवैध कब्जे के चलते टीपाखोल डैम से निकली नहर लुप्त हो गई है। पार्क एवेन्यू के सीमांकन के बाद नहर पर कब्जे का खुलासा हुआ था।

बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व शहर के ढिमरापुर-जिंदल रोड स्थित पार्क एवेन्यू कॉलोनी की शिकायत एसडीएम से हुई थी। शिकायत पर राजस्व विभाग की टीम कॉलोनी पहुंची और जांच करने पर पता चला कि नहर की जमीन पर कॉलोनी की सड़क और मंदिर बनाए गए हैं। इस जांच के दौरान एक बड़ा खुलासा ये भी हुआ कि जिस विकास अग्रवाल ने पार्क एवेन्यू की शिकायत की थी उसकी कॉलोनी कृष्णा विहार फेज 3 में भी नहर की जमीन पर कब्जा कर 10 से 12 मकान बनाए गए हैं। हालांकि इस मामलें में एक जानकारी यह भी मिली हैं कि कृष्णा विहार के जिस फेज 3 को लेकर नहर की जमीन हड़पने की बात जाँच रिपोर्ट में सामने उस वक्त आयी थी उस कॉलोनी के निर्माण के पहले ही विकास अग्रवाल ने स्वयं को पार्टनरशिप फर्म से अलग कर लिया था। इस मामलें की जाँच कर रहें तत्कालीन एसडीएम बीपी जायसवाल का कहना था कि फाइनल रिपोर्ट आने के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाएगी, जो कि आज तलक नहीं की गई हैं।

बड़ा सवाल : आखिर सरकारी जमीन पर कब्जे की रजिस्ट्री कैसे हुई ??

बिल्डरों ने आखिर किसकी जमीन दिखाकर सिंचाई विभाग की नहर जमीन बेच डाली। रजिस्ट्री के लिए जरूरी दस्तावेजों में यह बात कैसे छिपाई गई, रजिस्ट्री कैसे कर दी गई। जानकार इस मामले में तब के राजस्व विभाग के अफसरों, नगर निगम के भवन अनुज्ञा विभाग और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के लोगों की मिलीभगत से ऐसा होने की बात कहते रहे हैं। हालांकि कल विधानसभा सत्र के दौरान दोबारा इस मामलें की जाँच कराने की बात नगरीय निकाय मंत्री डॉ शिव डहरिया द्वारा कही गई हैं,जिसमें इस मामलें की जानकारी व डिटेल्स रखने वाले स्थानीय लोगों की मानें तो पार्क एवेन्यू, कृष्णा विहार कॉलोनी और बड़े शोरूम के कब्जे वाली भूमि की जांच हो तो पटवारी, आरआई, तहसीलदार, रजिस्ट्रार और निगम के अफसरों पर कार्रवाई होना लगभग तय है।

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