प्रेस-विज्ञप्तिरायगढ़

रायगढ़ – आत्मानंद स्कूल को लेकर भाजपा नेता गुरूपाल भल्ला की जिला शिक्षा विभाग को दो टूक…जनता को गुमराह न करें और सही स्थिति से अवगत कराये….

क्या नटवर स्कूल में 2022-23 में हिंदी मीडियम में 9th एवम 6th में प्रवेश मिलेगा..

पुराने सेटअप में 600 छात्रों के लिए 37 शिक्षक तो नए सेटअप में 1700 छात्रों के लिए 32 शिक्षक क्यों..?

रायगढ़ – जिला भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गुरूपाल भल्ला ने स्वामी आत्मानन्द स्कूल जिले नए चालू किये गए 9 हिंदी माध्यम स्कूल के सम्बंध में जिला प्रशासन से कुछ सवाल किए है की जो हिंदी माध्यम स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन चल रहा है, उन स्कूलों के शिक्षको को आप्सन भरवाया गया है , क्यों जब दोनों माध्यम में अध्ययन होना है, तो हिंदी माध्यम के शिक्षकों को अयंत्र हटाने का प्रस्ताव क्यो बन रहा है,एवम नए सेटअप में पूरे हिंदी माध्यम के पद समाप्त क्यों किया गया है ।
जहां तक अंग्रेजी माध्यम की शुरुआत में 3 जुलाई 20 को जारी सेटअप में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम के लिए 46 पद स्वीकृति किया गया था,जिसमें शिक्षकीय कार्य हेतु 37 पद, ऑफिस स्टाफ 7 एवम 2 पद अंशकालीन के पद के तहत अध्यापन चल रहा है,छात्र इंग्लिस माध्यम के 1लि से 12 वीं तक लगभग 600 है,

उसके पश्चात 30,6,21 को नया सेटअप जारी किया गया जिसमें इंग्लिश माध्यम के साथ हिंदी माध्यम का भी अध्यापन होगा में कुल शिक्षकों का कुल 39 पद स्वीकृत है, जिसमे शिक्षक हेतु 32 पद, ऑफिस स्टाफ 7 पद है ,नटवर स्कूल में हिंदी एवम अंग्रेजी माध्यम में कुल छात्र लगभग 1700 छात्र है, नए सेटअप के अनुसार अध्यापन संभव ही नही है, अंग्रेजी माध्यम के लिए जो पद स्वीकृति हुई थी वो और दोनों हिंदी ,अंग्रेजी माध्यम दोनों को मिला कर पद स्वीकृति कम कैसे होगी ,600 छात्रों के लिए 46पद,1700 छात्रों के लिए 42 पद,इससे प्रमाणित होता है कि हिंदी माध्यम का सेट अप समाप्त कर दिया गया है, धीरे से हिंदी माध्यम को बंद कर दिया जाएगा। श्री आलोक शुक्ला प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग जी के पत्र दिनांक 17 ,2,20 में स्प्ष्ट है, कि हिंदी माध्यम के छात्रों को आस पास के शासकीय स्कूलों में पड़ने की व्यवस्था करनी होगी ,इससे साफ हो रहा है कि हिंदी मीडियम को बंद होना पड़ेगा।

उपरोक्त सभी आदेशो से कोई भी जान सकता है कि हिंदी मीडियम का नटवर स्कूल एवम जिले 9 हिंदी मीडियम स्कूल जहां अंग्रेजी माध्यम संचालित हो रहा है का कोई भविष्य नही है ,एवम स्कूल अपनी अंतिम सांस गिन रही है, जहां तक नाम का सवाल है एक स्कूल के दो नाम कैसे हो सकता है, जब शासन ने अंग्रेजी माध्यम का नाम घोषित कर दिया है।
नये सेटअप में कला ,कृषि ,व्यवसायिक ,आई टी,हेल्थ,एवम अनेक विषयों के पद भी नही है ,इससे यह साफ हो रहा है कि जब स्कूल की जरूरत है तब स्कूल बंद करना क्षेत्र एवम नगर के साथ अन्याय है, इसलिए विद्यार्थियों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा,

कुल मिला कर जिला में जो वर्तमान व्यवस्था चल रही है दोनों माध्यम को अलग अलग संचालन की वही छात्र एवम उनके पलको के हित में है ,अंग्रेजी माध्यम अच्छा है ,परन्तु उसके कारण हिंदी माध्यम को बंद करना न्यायोचित नही है, जिले में लगभग 6हजार छात्र एवम 400 शिक्षक ,को अन्यत्र हटना पड सकता है, गरीब अभिभावकों पर बहुत ज्यादा आर्थिक मार पड़ेगा अपने बच्चों को अन्यत्र पढ़ाने के लिए । वर्षो से स्थापित इन प्रमुख स्कूलों के साथ एवम छात्रों के ऊपर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को ध्यान में रखकर ,पुराने व्यवस्था को चालू रखना चाहिए ।

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