प्रेस-विज्ञप्तिराजनीतिरायगढ़

रायगढ़ – भाजपा जिलाध्यक्ष के ऊपर उनकी ही पार्टी की महिला कार्यकर्ता ने लगाया छेड़खानी का आरोप, अब उन्हें पद पर बनें रहने का कोई नैतिक हक नहीं – रिंकी पाण्डेय

रायगढ़ – रायगढ़ भाजपा के मी टू प्रकरण पर तीखा कटाक्ष करते हुए काँग्रेस नेत्री रिंकी पाण्डेय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की हैं जिसमें उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि रायगढ़ भाजपा मी-टू एपिसोड में जो चेहरा भाजपा का सामने आया था दरअसल यही इनका असल चेहरा व चरित्र हैं।

आगे महिला नेत्री ने कहा कि आज जहां महिलाओं के सम्मान हेतु बड़े-बड़े कार्यक्रम किए जाते हैं महिलाओं को पुरुषों की बराबरी का दर्जा दिया जाने लगा है महिला सशक्तिकरण को लेकर न जाने कितने प्रोग्राम होते हैं महिलाओं के विशेषाधिकार को लेकर नियम बनाए गए हैं कोई भी पद या पार्टी महिलाओं के सम्मान से बड़ा नहीं है महिलाओं को प्रथम स्थान दिया गया है लेकिन जहां एक और महिलाओं के सम्मान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करती है भाजपा अनेक योजनाएं चला रही है भाजपा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना चल रही है उनकी जहां एक और कहा जाता है कि महिलाओं की सुरक्षा सम्मान के लिए भाजपा कटिबद्ध है वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता अपने ही पार्टी की महिलाओं का शोषण करते हैं।

भाजपा अखबार के माध्यम से लगातार यह खबरें आ रही है कि भाजपा नेत्री ने भाजपा जिला अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाया है क्योंकि यह मामला महिला अस्मिता से जुड़ा हुआ है इसलिए मैं यह कहना चाहती हूं कि अगर जिला अध्यक्ष जी पर उनकी ही पार्टी की नेत्री द्वारा इस प्रकार आरोप लगाया जा रहा है तो जिला अध्यक्ष को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि जो जिला अध्यक्ष अपनी ही पार्टी की नीतियों को सम्मान ना दे पाए उनको इतना बड़ा पद शोभा नहीं देता जिस पार्टी में महिलाओं की सुरक्षा सम्मान को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं आज उनका सारा का सारा दावा फ्लॉप हो चुका है। रायगढ़ शहर देख रहा है कि भाजपा में महिलाओं को कितना सम्मान मिल रहा है यहां तक कि महिलाओं द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि यदि उन्हें पार्टी द्वारा न्याय नहीं मिला तो वह कानून का भी सहारा ले सकती हैं

अपनी पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं के प्रति असंवेदनशील हैं पूनम सोलंकी

वहीं इस मामलें में कॉंग्रेस नेत्री ने निगम नेता प्रतिपक्ष की भूमिका पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि आज मामलें को लगभग 2 हफ्ते बीत जाने का बावजूद आज तक नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी की ओर से न तो कोई टिप्पणी की गई हैं और न ही पीड़ित महिलाओं के प्रति किसी प्रकार की संवेदना व्यक्त की गई हैं जबकि दो महीनें पहले दो कांग्रेस नेत्रियों के बीच हुए विवाद पर उनकी त्वरित टिप्पणी करते हुए लिखा था कि काँग्रेस महिला जिलाध्यक्ष को तत्काल उनके पद से निलंबित किया जाये। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष की चुप्पी से साफ पता चलता है कि वो अपनी पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं को लेकर कितनी असंवेदनशील व गैर जिम्मेदार हैं।

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