रायगढ़

रायगढ़ – तहसील-कार्यालय मारपीट कांड को लेकर शहर व सोशल मीडिया में चर्चाओं का बाजार हुआ गर्म…कोई इस मामलें को “कोर्ट पॉलिटिक्स” कह रहा..तो कोई इसे Mob-violence से जुड़ा मामला बता रहा…वहीं मामलें में एक “आरोपी वकील” को पुलिस ने किया गिरफ्तार…घटना के चश्मदीद भी आ रहें है अब सामने…

रायगढ़ – बीतें 11 फरवरी को जिला मुख्यालय के तहसील कार्यालय परिसर में जिला अधिवक्ता संघ के तत्वाधान में किये जा रहें विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ वकीलों के द्वारा सरकारी ड्यूटीरत भृत्य, बाबू व नायब तहसीलदार (कार्यपालिक-दंडाधिकारी) की साथ की गई मारपीट का मामला अब और गरमाते जा रहा है। घटना के बाद जहाँ दोनों पक्ष अपनी-अपनी माँग को लेकर अड़े हुए हैं वही अब आम जनता के बीच भी इस घटना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म होते नज़र आ रहा है और लोग सोशल मीडिया के जरिये अब इस पूरे हाई वोल्टेज़ मामलें को लेकर खुलकर अपनी राय रख रहें हैं।

बता दें कि 11 फरवरी की घटना का वीडियो तेज़ी से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वायरल हुआ था जिसमें साफ दिखाई दे रहा था कि वकीलों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ वकीलों ने अपना आपा खो दिया और शहर को शर्मसार करने वाली मारपीट की घटना को अंजाम दिया, हालांकि वायरल वीडियो में सबकुछ स्पष्ट नज़र आ रहा है लेकिन फिर भी जिला अधिवक्ता संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र पाण्डेय तक ने मारपीट की घटना को झूठा बता दिया था जिसके बाद अब शहर में आम जनमानस के बीच इस बात की चर्चा होनी शुरू हो गई है कि कहीं इस मामलें में प्रत्यक्षं किम प्रमाणं की स्थिति दिखने के बाद भी इसे झूठा व प्रायोजित बताकर आगामी 17 फरवरी को होने वाले जिला बार एसोसिएशन के चुनाव में इस मुद्दे को तूल देकर भुनाने की कोशिश तो नहीं की जा रही हैं..?

वहीं इस हाई वोल्टेज मामलें को लेकर बीतें कल शनिवार को सारंगढ निवासी वकील H.L.KURREY द्वारा जो विवादित व धमकी भरा पोस्ट किया था अब उसकी भी लिखित शिकायत चक्रधरनगर थाने में दर्ज करवाने की बात सामने आ रही हैं जिसमें उनके द्वारा परोक्ष रूप से राजस्व अधिकारियों को धमकी दी गयी थी और यहाँ तक लिखा गया था कि दुष्ट राजस्व अधिकारियों सुधर जाओ वरना हम अधिवक्ताओं के पास हत्यारों, किलरों व डकैतों की बगिया होती हैं।

वहीं सोशल मीडिया पर एक संभ्रांत नागरिक द्वारा यहाँ तक टिप्पणी की गई कि अचानक गुरुवार के बाद ही ऐसा क्या हो गया जो वकीलों को भ्रष्टाचार नज़र आने लगा…तो एक महिला सोशल मीडिया एक्टिविस्ट ने लिखा कि 11 फरवरी को जो घटना रायगढ़ तहसील ऑफिस में घटित हुई हैं उसका वायरल वीडियो देखने के बाद स्पष्ट हो जाता हैं कि वहाँ MOB-VIOLENCE को अंजाम दिया गया है जो कि सरासर गलत हैं और जिसमें संलिप्त सभी आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी होनी चाहिए।

बहरहाल ऐसे लोग भी हैं जिनकी सहानुभूति वकीलों के साथ हैं जिसमें सबसे बड़ा नाम जिला भाजपा उपाध्यक्ष आशीष ताम्रकार का आता हैं जिन्होंने बकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस शर्मसार कर देने वाली घटना के लिए जिले के प्रशासनिक आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया, हालाँकि उनकी इस प्रतिक्रिया को लेकर लोगों का भी कहना है कि क्योंकि वो एक पॉलिटिकल व्यक्ति होने के साथ साथ एक अधिवक्ता भी हैं इस मारपीट के वीडियो को देखने के बावजूद भी उनका झुकाव अधिवक्ताओं की ओर जाना स्वाभाविक बात हैं।

क्या कहते हैं घटना के चश्मदीद – वैसे अब इस घटना को लेकर कुछ प्रत्यक्षदर्शी भी सामने आने लगें हैं और अपनी पहचान सार्वजनिक न करने की शर्त पर उन्होंने आज हमारे संवाददाता को बताया कि वे 10 और 11 फरवरी दोनों दिन के घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहें हैं। 10 तारीख की जिस घटना को लेकर अधिवक्ता संघ तहसीलदार पर कोर्ट में पैरवी कर रहें वकील के साथ मारपीट व दुर्व्यवहार का आरोप लगा रहें हैं उसको लेकर एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वो उस दौरान तहसीलदार कोर्ट के बाहर अपने मित्र के साथ अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे तभी अचानक तहसीलदार के कक्ष से हो-हल्ला की आवाज़ें आनी लगी तब उन्होंने देखा कि पैरवी कर रहे वकील काफी गुस्से में चिल्ला रहें थे और तहसीलदार कक्ष में मौजूद ड्यूटीरत स्टाफ व स्वयं तहसीलदार सर उन्हें शांत कराने की कोशिश कर रहे थे पर वो शांत होने की बजाय और चिल्लाने लगें, इस दौरान तहसीलदार द्वारा किसी को मोबाइल पर कॉल कर इस घटना की जानकारी दे रहे थे जिसके बाद उन्हें तहसीलदार के निर्देश पर स्टाफ द्वारा कक्ष से बाहर किया गया और जब वो उनके पास से गुजरे तो उन्होंने महसूस किया “कि शायद वो शराब के नशे में थे..?” जिसके बाद चक्रधरनगर थाने की पुलिस टीम भी तहसील कार्यालय पहुँच गयी थी पर तब तक वो वकील तहसील परिसर से जा चुके थे।

वैसे यहाँ भी बताना जरूरी होगा कि मामलें के मुख्य आरोपी दीपक मोड़क लगातार सोशल मीडिया पर भी अपने पोस्ट को लेकर विवादों में बने रहते हैं जिसमें अभी हाल ही में उनके द्वारा किये गए एक सांप्रदायिक पोस्ट को लेकर कलेक्टर रायगढ़ द्वारा उन्हें नोटिस भी जारी किया जा चुका है।

भुवनलाल साहू

वहीं अब इस मामलें में एक बड़ी जानकारी यह भी सामने आ रही हैं कि चक्रधरनगर थाना पुलिस टीम द्वारा मारपीट के मामलें में नामजद आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी के लिए लगातार उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही हैं जिसमें आज एक आरोपी वकील भुवनलाल साहू निवासी पंजरीप्लान्ट रायगढ़ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और मामलें के बाकी नामजद आरोपी दीपक मोड़क, कोमल साहू और जितेंद्र शर्मा अभी भी फरार हैं। बता दें कि भुवनलाल साहू वहीं शख्स हैं वो मारपीट के दौरान वकीलों की भीड़ को यह कहकर उकसाने की कोशिश कर रहे थे कि मारो इसे भी मारों ये बड़ा दंडाधिकारी बनता हैं, उनका यह कथन घटना के वायरल वीडियो में साफ देखा व सुना जा सकता है।

advertisement advertisement advertisement advertisement advertisement
Back to top button
error: Content is protected !!