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प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच शहर में दो-दो मीनाबाजार का आयोजन जोखिम भरा निर्णय… कल संक्रमण की दर २.४२ रही, बमुश्किल १०० मीटर की दूरी पे जिलें की सबसे ज्यादा भीड़ वाली शराब दुकान भी स्थित, जहां पूरे दिन रहता है शराबियों का जमावड़ा..कहीं बड़ी चूक तो नहीं हो गई है प्रशासन से…?

रायगढ़ : बीते एक हफ्ते से लगातार पूरे प्रदेश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहें है। कल देर शाम प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक कल ८ जुलाई को प्रदेशभर में कुल १२२३० सैंपलों की जांच की गई हैं जिसमें कुल २९६ व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और संक्रमण की दर लगभग २.४२ रही, जो कि खतरनाक संक्रमण दर के करीब आधे है। कल की मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक राजधानी रायपुर में सर्वाधिक ५३ नए मामले सामने आए थे वहीं हमारे रायगढ़ जिले में कल तीन नए केस सामने आए थे।

प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी कोरोना मेडिकल बुलेटिन को देखें तो साफ हो जाता हैं कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहें हैं और राजधानी रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जैसे जिले जहां जनसंख्या घनत्व ज्यादा है वहां कोरोना संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं वहीं हमारे रायगढ़ जिले में फिलहाल अब तक कोरोना संक्रमण का ग्राफ स्थिर ही नज़र आ रहा है लेकिन ऐसे में शहर के बीच में स्थित सावित्री नगर कालोनी के निकट एक नहीं बल्कि दो दो मीना बाजार का आयोजन कोरोना संक्रमण को न्यौता देने के समान साबित हो सकता है ?

बता दें कि इस वर्ष जिला और निगम प्रशासन ने दो दो मीना बाजार के आयोजन को हरी झंडी दी है वो भी बिलकुल आसपास और घनी आबादी वाले क्षेत्र में। जो कि कोरोना संक्रमण के लिहाज से जोखिम भरा निर्णय साबित हो सकता है क्योंकि मीना बाजार में पूरे शहर और आसपास के गांवों से बेहिसाब भीड़ आती है जिन्हें कोविड प्रोटोकॉल के हिसाब से अनुशासित रख पाना जिला और पुलिस प्रशासन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण काम हो सकता हैं क्योंकि शहर में वैसे भी पुलिस बल आवश्यकता से कम ही है और ऐसे में अगर भीड़ कोविड प्रोटोकॉल का संयमित रूप से पालन नहीं करती है तो उस वक्त ये निर्णय जिला प्रशासन के लिए गले की फांस साबित हो सकता है.?

पिछले साल ऐसे ही कोरोना के द्वितीय लहर के दौरान राजधानी रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था जिसके बाद कोरोना का लगभग थम सा गया संक्रमण अचानक गुणात्मक तेजी से बढ़ गया था और पूरे प्रदेश में स्थिति बेकाबू हो गई थी हालांकि ऐसे कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जिसके आधार पे हम यह कह सकें कि क्रिकेट मैच के आयोजन की वजह से ही द्वितीय लहर के दौरान संक्रमण अचानक से बढ़ गया था लेकिन विशेषज्ञों ने इसकी संभावना से भी इंकार नहीं किया था कुल मिलाकर कहा जाए तो बरसात के मौसम में जब पहले सेवा संक्रमण की संभावना अधिक होती है वहां घनी आबादी वाले क्षेत्रों में दो दो मीना बाजार का आयोजन करना वैज्ञानिक रूप से काफी जोखिम भरा निर्णय हो सकता हैं…?

वहीं यहां यह भी बताना लाज़िमी है कि जिस दो जगहों पे मीना बाजार लग रहा है वहां से बमुश्किल १०० मीटर की दूरी पे ही सरकारी शराब की दुकान है जहां पूरे दिन शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है जिन्हें कोविड प्रोटोकॉल के तहत अनुशासित रख पाना प्रशासन और पुलिस दोनों के लिए लगभग मुश्किल हो होगा..? दूसरी बात शराब दुकान होने की वजह से क्षेत्र में पहले से ही असामाजिक तत्वों की मौजूदगी बड़ी समस्या है जिसकी वजह से इस इलाक़े में आए दिन छिनतई, मारपीट और छेड़खानी घटनाए होते रहती है ऐसे में इस क्षेत्र में मीना बाजार का आयोजन शराबियों और असामाजिक तत्वों के लिए एक अवसर के समान हो सकता हैं जहां वे भीड़ का फायदा उठा कर अपने नापाक हरकतों से पूरे क्षेत्र का माहौल खराब कर सकते हैं साथ ही मीना बाजार आने वाले हजारों लोगों ख़ासकर युवतियों और महिलाओं की सुरक्षा भी पुलिस के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी….

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