लीज एरिया से अधिक पर खनन..आला अफसर ने साधा मौन.. मंगल स्टोन क्रेशर के जरिए अपना मंगल करने में जुटे खनिज विभाग के अफसर..50 करोड़ रूपये से ज्यादा की काली कमाई..

रायगढ़, 6 मई। खरसिया के बानीपाथर में मंगल स्टोन क्रशर संचालक ने खनिज विभाग अपनी पकड़ इस तरह मजबूत कर रखी है कि बिना अनुमति के अधिक क्षेत्रफल में खनन करने पर भी कोई चूं तक नहीं कर रहा है। बताया जा रहा है कि खनिज विभाग में किसी की भी पोस्टिंग हो, मंगल स्टोन की ओर आंख भी नहीं उठाता।

खनन माफिया पर कड़ी कार्रवाई करने के बजाय खनिज विभाग केवल माथा देखकर तिलक करता है। हैरानी की बात यह है कि पिछले बीस सालों में दो ही खनिपट्टों की जांच की गई। यह भी तभी हुआ जब खनन माफिया ने खनिज अमले पर हमला कर दिया। मंगल स्टोन क्रशर संचालक ने डेढ़ हेक्टेयर में लाइमस्टोन खनिपट्टा की अनुमति ली है। वर्ष 2017 से 2047 तक 30 साल के लिए खनिपट्टा स्वीकृत किया है। खनं 541/2, 571/2, 572/1, 572/3, 575/2, 572/4, 571/4, 571/1ख, 572/5, 543, 571/3, 571/4, 544/1, 540, 571/4, 573 और 574 कुल रकबा 1.524 हे. में लीज मिली है। नियम यह है कि इसी भूमि पर लाइमस्टोन खनन करना है, लेकिन आसपास की करीब दस एकड़ जमीन पर अतिरिक्त खनन कर लिया गया है। लीज एरिया से अधिक खनन होने के बावजूद खनिज विभाग केवल स्टॉक का एसेसमेंट करता है। खदान देखकर भी कोई एक्शन नहीं लिया जाता।

50 करोड़ से ज्यादा ब्लैक मनी कमाई
मंगल स्टोन क्रशर से होने वाली कमाई में जीएसटी केवल उतने पर ही लगा है जितने की रॉयल्टी जारी हुई है। इसके अलावा अवैध खनन के जरिए जो गिट्टी बेची गई है, उसका कोई हिसाब किताब ही नहीं है। इसकी पूरी राशि ब्लैक मनी के रूप में एकत्र की गई और दूसरी जगहों पर निवेश की गई है। ब्लैक मनी छिपाने के अलावा रॉयल्टी चोरी, जीएसटी चोरी का भी मामला बनता है। सूत्र की मानें तो करीब 50 करोड़ के वारे न्यारे हो चुके हैं।
खबर स्त्रोत : दैनिक केलो प्रवाह








