छत्तीसगढ़ भाजपा के इस युवा नेता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर राजधानी पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप.. कहा पाकिस्तान अफगानिस्तान बना दिए हो राज्य को..इतनी अराजकता..


प्रदेश की राजधानी रायपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां अब से कुछ देर पहले छग भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता व प्रदेश किसान मोर्चा के आला पदाधिकारी गौरीशंकर श्रीवास द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट शेयर किया गया है जिस पर उनके द्वारा कैप्शन लिखा गया है कि “पूजा करने के लिए सरकार से कैसा परमिशन भई..?” आगे उन्होंने अपने पोस्ट में एक लाइन यह भी लिखा है कि”पाकिस्तान अफगानिस्तान बना दिए हो क्या राज्य को..?” जो इतनी अराजकता है…

सूत्रों से मिली जानकारी और वायरल वीडियो को देखकर समझ में आ रहा है कि दरअसल पूरा मामला शिक्षाकर्मियों की अनुकंपा नियुक्ति से जुड़ा हुआ है जिनकी नियुक्ति को लेकर दिवंगत हो चुके शिक्षाकर्मियों के परिजनों जिसमें ज्यादातर दिवंगत शिक्षाकर्मियों की पत्नियां नज़र शामिल है जो बीते लगभग तीन सप्ताह से प्रदेश सरकार से मांग कर रही हैं कि उन्हें उनकी योग्यता अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। इसी कड़ी में आज आंदोलनकारियों ने हाल में राजधानी रायपुर में स्थापित हुई छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तक आंदोलन स्थल से पैदल मार्च कर जाने और वहां सामूहिक पूजा अर्चना कर निर्णय लिया। तब वहां रायपुर ग्रामीण से जुड़े प्रदेश भाजपा के दिग्गज युवा नेता भी मौजूद थे। जैसे ही आंदोलनकारी पैदल मार्च करते हुए आगे बढ़े, थोड़े ही दूरी में तैनात पुलिस बलों ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद पुलिस और आंदोलनकारियों के मध्य ये तीखी बहस हुई। इसी दौरान रैली में शामिल भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने पुलिसिया कार्रवाई का खिलाफत करते हुए उक्त प्रतिक्रिया दी। जिसमे उन्होने राजधानी पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूजा अर्चना करने के लिए सरकार से परमिशन क्यों ले..? और आगे उन्होने अपने द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर शेयर किए गए पोस्ट पर यह भी लिखा कि ” पाकिस्तान अफगानिस्तान हो क्या राज्य को .?” जो ऐसी अराजकता देखने को मिल रही हैं।

कुल मिलाकर प्रदेश भाजपा से जु़ड़े दिग्गज नेता गौरीशंकर श्रीवास के इस मामले में एंट्री करने और उनके द्वारा इस वायरल वीडियो पोस्ट से यह पूरा मामला और अधिक गरमा गया है। बता दें कि इस मामले में पहले से ही प्रदेश सरकार बैकफुट पर है ऐसे में अगर अब यह मामला और तूल पकड़ता है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि इसका बड़ा खामियाजा मौजूदा राज्य सरकार को आसन्न विधानसभा चुनाव 2023 में हो सकता हैं…?