रायगढ़

रायगढ़ – ‘अनूप’पुर की टीपी लेकर माइंस से निकलने वाला कोयला भारी मात्रा में ‘गंतव्य-स्थल’ से परें कभी सिंघनपुर तो कभी भूपदेवपुर में हो रहा है डंप…खनिज विभाग को इस अफरातफरी की भनक तक नहीं..सरकारी दस्तावेजों के अवैध इस्तेमाल से जुड़ा है यह पूरा मामला..

रायगढ़ – औद्योगिक नगरी रायगढ़ में कोयले की अफरातफरी व कोयले के अवैध परिवहन के मामलें थमने का नाम ही नहीं ले रहें हैं। हर दूसरे दिन कोई न कोई नया मामला सामने आ ही जाता हैं लेकिन कोयले के अवैध कारोबार में लिप्त सभी तथाकथित सफेदपोशों की सेटिंग इतनी जबरदस्त हैं कि न तो पुलिस प्रशासन इन पर कभी ठोस कार्यवाही कर पाता है और न ही संबन्धित विभाग। ऐसे ही एक और चौंका देने वाला मामला फिर सामने आया है जहाँ पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिलें के किसी एमबी पॉवर अनूपपुर व थर्मल पॉवर अनूपपुर के नाम पर माइंस से टीपी (ट्रांजिट परमिट) कट रही हैं जबकि उक्त टीपी के एवज में जो कोयला छाल माइंस से निकल रहा है वो सिंघनपुर व भूपदेवपुर के रेल्वे साइडिंग में डंप किया जा रहा है जो कि सीधे तौर पर सरकारी दस्तावेजों के बेज़ा व अवैध इस्तेमाल से जुड़ा संगीन मामला हैं।

बता दें कि कोयले के परिवहन करने के लिए एक ऑनलाइन ट्रांजिट परमिट (टीपी) जेनरेट की जाती हैं जिसमें गंतव्य स्थल की भी पूरी जानकारी भरनी होती हैं और माइंस से निकला कोयला, ट्रांजिट परमिट में अंकित गंतव्य स्थल के ही लिए ही वैध माना जाता है अन्यंत्र डंप करना कानूनन अपराध के दायरे में आता हैं लेकिन हम इस खबर में जिस मामलें का जिक्र कर रहे हैं उसमें खनिज विभाग के बिल्कुल नाक के नीचे इस कोयले के अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है।

जहाँ छाल माइंस से अनूपपुर के एमबी पॉवर को डीओ जारी हुआ है और रेल्वे साइडिंग के जरिये कोयले को अनूपपुर परिवहन करना है लेकिन उक्त टीपी पर निकलने वाले कोयले को कभी सिंघनपुर साइडिंग में डंप किया जा रहा है तो कभी भूपदेवपुर साइडिंग में। नियमतः जब किसी प्लांट के माल को रेल के द्वारा भेजा जाता हैं तो उसके टीपी पर गंतव्य स्थल में रेल्वे साइडिंग को अंकित किया जाता हैं लेकिन इस मामलें में बिना माइनिंग विभाग से औपचारिक अनुमति लिए अवैध तरीके से भारी मात्रा में कोयले को टीपी में अंकित गंतव्य स्थल से परें डंप किया जा रहा है जो कि कानूनन सरकारी दस्तावेजों के अवैध इस्तेमाल से जुड़ा संगीन अपराध की श्रेणी में आता हैं।

खबर स्त्रोत – दैनिक केलोप्रवाह अखबार

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