
घरघोड़ा नगर पंचायत की बदलती सियासी बिसात ने एक बार फिर धर्मजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है जहां नगर पंचायत अध्यक्ष शिशु सिन्हा (भाजपा) के खिलाफ कांग्रेसी पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की वजह से अब कांग्रेस से ज्यादा धर्मजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया की सियासी साख दांव पर लगी हुई है क्योंकि नगर पंचायत चुनाव 2020 के दौरान भी बहुमत के बावजूद यहां कांग्रेस से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार सुरेंद्र चौधरी को भीतरघात की वजह से हार का मुंह देखना पड़ा था।
बता दें कि बीते दिनों घरघोड़ा नगर पंचायत के कांग्रेसी पार्षदों द्वारा जिला कलेक्टर के समक्ष वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष शिशु सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर औपचारिक लिखित आवेदन दिया गया है जिसमें कांग्रेसी पार्षदों द्वारा नगर पंचायत अध्यक्ष शिशु सिन्हा पर कई आरोप लगाए गए हैं मसलन अध्यक्ष द्वारा नियमों के तहत कभी भी परिषद की बैठक नहीं बुलाई गई हैं और नगर विकास के लिए पारित किसी भी प्रस्ताव पर कभी अमल नहीं किया गया है यहां तक कांग्रेसी पार्षदों द्वारा अध्यक्ष शिशु सिन्हा पर प्रेसिडेंट इन काउंसिल में मनमाने तरीके से प्रस्ताव पारित कर लाखों रूपये के भ्रष्टाचार करने का भी गंभीर आरोप लगाया गया है।

कुल मिलाकर कहा जाए तो कांग्रेसी पार्षदों द्वारा कलेक्टर रायगढ़ को सौंपे गए इस अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन के बाद घरघोड़ा सहित धर्मजयगढ़ विधानसभा का सियासी माहौल गर्मा गया है और प्रदेश भर के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की नजर भी अब इस अविश्वास प्रस्ताव पर टिकी हुई है जहां स्थानीय कांग्रेसी विधायक लालजीत सिंह राठिया की सियासी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई हैं और अब उनके समक्ष कांग्रेस से अधिक अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बचाने की बड़ी चुनौती होगी …
बहरहाल स्थानीय राजनीतिक पंडितों के मुताबिक कांग्रेसी पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव एक तरह से स्थानीय विधायक लालजीत सिंह के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है क्योंकि 2020 नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान भी जब पूर्ण बहुमत के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी को क्रॉस वोटिंग की वजह से हार का सामना करना पड़ा था तब भी स्थानीय कांग्रेसी विधायक लालजीत सिंह की राजनीतिक पकड़ को लेकर काफी सवाल उठे थे ऐसे में राजनीतिक जानकारों के अनुसार अगर इस बार भी यहां कांग्रेस को वांछित परिणाम नहीं मिलता है तो फिर आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भी कांग्रेस सहित विधायक लालजीत सिंह की राह कठिन हो सकती है और उनकी सियासी साख को बड़ा झटका लग सकता हैं।