रायगढ़

विवादों से नहीं छूट रहा है उस्मान बेग का पीछा…रेत के अवैध उत्खनन के दौरान छापेमारी में पकड़ी गई ट्रैक्टर के मालिक निकले उस्मान…पहले भी जा चुके है जेल…स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की हो रही हैं छीछालेदर…..

रायगढ़ – जिला मुख्यालय से मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर लगे घरघोड़ा नगर में कल स्थानीय पुलिस ने नवनियुक्त एसपी अभिषेक मीणा के मार्गदर्शन पर घरघोड़ा के ग्राम कंचनपुर स्थित कुरकुट नदी से रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन में लगें 5 ट्रैक्टरों पर खनिज अधिनियम की धारा 102 के तहत कार्यवाही करते हुए जप्त किया था।
जिसमें बाद में खुलासा हुआ कि जप्त ट्रैक्टरों में एक ट्रैक्टर घरघोड़ा नपा उपाध्यक्ष उस्मान बेग के नाम पर रजिस्टर्ड हैं और एक ट्रैक्टर उसके भाई समीर के नाम पर हैं।

बता दे इस क्षेत्र से लंबे समय से रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन का काम चल रहा है जिसको लेकर स्थानीय समाचार पत्रों में नियमित खबरें भी प्रकाशित हो रही थीं किन्तु राजनीतिक दबाव की वजह संभवतः कार्यवाही नहीं हो पा रही थी।

वहीं इस मामलें नपा उपाध्यक्ष व कांग्रेस के युवा नेता उस्मान ने जिले के एक न्यूज पोर्टल को बताया कि उक्त पकड़े गए ट्रैक्टर को उन्होंने 6 महीने पूर्व ही किराए पर दूसरे व्यक्ति को दे दिया है और उनका इस मामलें से कोई लेना देना नहीं हैं।

लेकिन कल शाम इस मामलें के सामने आने के बाद पूरे घरघोड़ा नगर में एक बार फिर से उस्मान बेग को लेकर लोग तरह तरह की बातें कर रहे है क्योंकि कुछ साल पहले भी उस्मान का नाम ऐसे ही एक मामलें में आ चुका है। शायद यही वजह भी है कि अब ज्यादातर लोगों का कहना है कि उस्मान बेग सत्ता के रसूख के बूते एक फिर से इन कामों को अंजाम दे रहा है।

यहाँ यह बताना लाज़िमी होगा कि इससे पहले साल 2016 में माह सितंबर मे उस्मान बेग के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का भी एक मामला आईपीसी की धारा 186 ,353 व 506 के तहत दर्ज अपराध और एक अन्य मामलें में उस्मान जेल तक जा चुके है।

ऐसे में कल इस मामलें के सामने आने के बाद जहाँ एक ओर उस्मान बेग की राजनीतिक और सामाजिक छवि को गहरा नुकसान पहुंचा है तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी की छवि को भी बड़ा नुकसान हो रहा है।

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