घरघोड़ा नगर पंचायत अविश्वास प्रस्ताव : साम, दाम, दंड व भेद का खेल हुआ शुरू.. कांग्रेस प्रवेश कर अपने अध्यक्ष पद को बचाने का पैंतरा हुआ फेल…कांग्रेस से भाजपा आए एक पार्षद की भूमिका भी रही संदिग्ध…अध्यक्ष की हरकत से भाजपा की साख को लग सकता है बड़ा झटका..

घरघोड़ा – नगर पंचायत घरघोड़ा के अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेसी पार्षदों द्वारा लाए गए बहुचर्चित अविश्वास प्रस्ताव के बाद इन दिनों घरघोड़ा की सियासत अचानक गरमा सी गई है साथ ही दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टी भाजपा और कांग्रेस की ओर से साम, दाम, दंड और भेद का खेल शुरू हो गया है।
इसी कड़ी में अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस सियासी शह और मात के खेल में अपने अध्यक्ष पद की कुर्सी को खतरे में देख वर्तमान अध्यक्ष द्वारा पूर्व में कभी कांग्रेस पार्टी में रह चुके एक पंजा छाप भाजपाई पार्षद के सहयोग से पिछले दिनों अविश्वास प्रस्ताव से बचने हेतु कांग्रेस पार्टी तक में प्रवेश करने की भरपूर कोशिश भी की गई हालांकि इस प्रयास में उन्हें राजधानी के कांग्रेसी नेताओं से मुंह की खानी पड़ी और उल्टे पांव वापस घरघोड़ा लौटना पड़ा।
इस नाटकीय एपिसोड की भनक लगते ही पूरे घरघोड़ा नगर में इस बात की जनचर्चा जोरों पर है कि महज अध्यक्ष की कुर्सी को बचाने के लिए कुछ कांग्रेसी मानसिकता के भाजपाई नेताओं ने भाजपा की गरिमा को तार तार किया है जिससे स्वयं उनकी विश्वसनीयता और राजनीतिक साख पर सवालिया निशान लग गया है वैसे यहां यह भी बताना लाजिमी होगा कि वर्तमान अध्यक्ष के भाईसाब पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय के खास करीबियों में शुमार है।