शहर की खस्ता हालत से त्रस्त युवा सोशल एक्टिविस्ट का छलका दर्द , स्थानीय सांसद, विधायक, महापौर और पार्षदों को जमकर लताड़ा… कहा अगर लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे सकते तो इस्तीफा दें….

माइक,माला और मंच चईये केवल जनप्रतिनिधियों को जनता से उन्हें को मतलब नहीं
इन दिनों समूचा रायगढ़ शहर बुनियादी सुविधाओं के लिए मोहताज है पानी और बिजली की समुचित आपूर्ति सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है लेकिन अब तक किसी भी सक्षम जनप्रतिनिधि की ओर से इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई है जिससे शहर की आम जनता का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
इन्हीं सब परिस्थितियों को देख शहर के जानें माने सोशल एक्टिविस्ट प्रकाश निगानिया ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की हैं जिसमें उन्होंने निष्क्रिय जनप्रतिनिधियों को जमकर लताड़ लगाई है।
जारी विज्ञप्ति में सोशल एक्टिविस्ट प्रकाश ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को आम जनता के दुःख दर्द से कोई मतलब नहीं है..आम जनता को क्या चाहिए बिजली,पानी और सड़क वो भी नहीं दे सकते आप थोड़ी सी शर्म करो.. युवा सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश निगानिया कहते है मेरा सवाल सांसद जी,विधायक जी महापौर जी,सभी पार्षदों और सभी जनप्रतिनिधियों से है जनता क्या मांगती है आपसे? केवल सुविधा हो बिजली,पानी,सड़क की क्या वह चीज भी आप जनता को नहीं दे पा रहे हैं। बात बहुत बड़ी-बड़ी होती है आरोप-प्रत्यारोप होते हैं खाली सभी जनप्रतिनिधियों को छपास रोग है, इस पर आरोप उस पर आरोप पर जनता को आप क्या दे रहे हैं। लाइट जब मन चाहे रहती है जब मन चाहे गोल हो जाती है। कोई सुनवाई नहीं है जनता परेशान है पानी जब मन हो आता है नहीं तो नहीं आता। जनता परेशान है सड़क का हाल आप खुद ही जानते हैं। तो क्या फायदा है ऐसे जनप्रतिनिधियों का कोई भी नागरिक या जनता खुद काम करता है कमाता है और अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। कम से कम उनको बुनियादी सुविधा तो दीजिए एक तो आदमी इतनी महंगाई में ऐसे ही परेशान हैं ऊपर से बिजली,पानी सड़क के चक्कर में और ज्यादा परेशान हो रहा है। चिल्लाते हैं,बोलते हैं सोशल मीडिया में लिखते हैं पर किसी भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि या अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगती…जनता ने आप को वोट दिया है अब जीत कर आए हैं कुछ तो शर्म होगी आपने कुछ तो…?
सुबह उठते के साथ एक प्रकार की मानसिक प्रताड़ना शुरू हो जाती है जो जनप्रतिनिधि की निष्क्रियता के कारण जानता को भुगतना पड़ रहा है।सुबह उठो तो नल में पानी नहीं आ रहा है।दिनके भी लाइट गोल और रात को इंसान दिन भर का थका रहता है ठीक से चेन से सो भी नहीं सकता 25 बार लाइट गोल होती है। घर से निकलो तो सड़क का हालत जानते हो.. आप यह सब मूलभूत बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दे सकते तो क्यों है पद में नैतिकता के आधार पर आप इस्तीफा दे दें आज मैं जनता से अपील करता हूं की तरसते हैं हम सबकी देख रहे हैं इसलिए अब पूर्ण रूप से बदलाव कीजिए.. काम नहीं तो वोट नहीं अगर आपके पास कोई जनप्रतिनिधि आता है तो उसे हाथ जोड़कर कहिए आगे जाओ बाबा, और अब सोच बदलनी होगी वादे करके वोट मांगना इस प्रथा को बदलना होगा पहले काम कीजिए फिर आप को वोट देंगे।ये सभी दल और सभी राजनीतिक पार्टी के जनप्रतिनिधियों के लिए है एक आम आदमी का दर्द..