शहर के दो सफेदपोशों के खिलाफ जमीन की हेराफेरी के मामले में 420 के तहत एफआईआर दर्ज.. 85 लाख रुपए गबन का आरोप…

रायगढ़। जमीनों की हेराफेरी के मामले में रायगढ़ का नाम हमेशा से आगे रहा है। यहां के कई लोग जमीन दलाल से भूमाफिया तक का सफर तय कर चुके हैं। जमीनों का सौदा होने के बाद किसी और के नाम रजिस्ट्री करवा दी गई।
ऐसे ही एक मामले में कोतरा रोड थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। अमलीभौना में एक जमीन का सौदा बिलासपुर निवासी उपासना केसरी से किया गया था और एडवांस भी लिए थे लेकिन गोपाल और दिनेश अग्रवाल ने जमीन किसी और को बेच दी। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत एफआईआर दर्ज की है। यह बेहद सनसनीखेज मामला है। रायगढ़ शहर में कई जमीनों पर आवासीय प्लॉटिंग करने वाले गोपाल शर्मा और दिनेश अग्रवाल इस बार फंस गए हैं। उपासना केसरी पति रामेश्वर केसरी निवासी लिंगियाडीह बिलासपुर ने कोतरा रोड थाने में दोनों के विरुद्ध धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई है।
पीडि़ता का कहना है कि 2022 में अमलीभौना में खसरा नंबर 260/5 रकबा एक एकड़ 8 डिसमिल भूमि स्वामी गोपाल कोतरा रोड विकास नगर से खरीदने का सौदा हुआ। दिनेश अग्रवाल पिता गोविंदराम अग्रवाल निवासी टाउनहॉल के सामने रायगढ़ ने मध्यस्थता की थी। 31 जुलाई 2022 को होटल श्रेष्ठा में 3 लाख रुपए प्रति डिसमिल की दर पर विक्रय का सौदा तय हुआ। पीडि़ता का कहना है कि गोपाल शर्मा को 20 लाख नकद और 20 लाख रुपए का चैक एसबीआई राजकिशोर नगर ब्रांच बिलासपुर का दिया गया था। 50 रुपए के स्टाम्प में लिखा-पढ़ी भी हुई जिसमें क्रेता उपासना केसरी, विक्रेता गोपाल, गवाह दिनेश अग्रवाल और दूसरा गवाह विनयकांत साहू के हस्ताक्षर हुए।
लिखित अनुबंध में कहा गया कि 31 जुलाई 2022 से 31 अक्टूबर 2022 के बीच जमीन की रजिस्ट्री करवा दी जाएगी। कुछ दिनों बाद दिनेश अग्रवाल ने पीडि़त को फोन करके कहा कि उनके चैक से आहरण नहीं हो रहा है इसलिए दस लाख नकद गोपाल को नकद दे रहा हूं। इसके अलावा 31 जुलाई 2022 के दिन ही उपासना केसरी के नाम पर दर्ज मिट्ठूमुड़ा भजनडिपा में 38 डिसमिल जमीन को भी दिनेश अग्रवाल के नाम बेचने का सौदा हुआ था। इस सौदे के बदले दिनेश अग्रवाल ने 10 लाख नकद और इतने का ही चैक दिया। दिनेश अग्रवाल पर भरोसा करके उपासना केसरी ने जमीन का इकरारनामा, बी-1, पी-2 आदि मूल दस्तावेज दे दिए। एग्रीमेंट के मुताबिक 5 डिसमिल कमर्शियल और 15 डिसमिल आवासीय जमीन की रजिस्ट्री भी दिनेश अग्रवाल के नाम करा दी गई।
बचत जमीन पर अवैध कब्जा
उपासना केसरी का कहना है कि 38 में से 20 डिसमिल की रजिस्ट्री दिनेश अग्रवाल के नाम करा दी गई। बची हुई 18 डिसमिल जमीन पर उसने अवैध कब्जा कर लिया। इसकी रजिस्ट्री भी नहीं करवा रहा है। पीडि़ता का कहना है कि अमलीभौना वाली जमीन के लिए बाद में 35 लाख रुपए गोपाल के बैंक एकाउंट में जमा करवाया गया। दिनेश अग्रवाल के बहकावे में आकर गोपाल को 85 लाख रुपए दिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक रजिस्ट्री नहीं करवाई गई है।
दूसरे को बेच दी जमीन
जमीनों की हेराफेरी के मामले में यह कांड अब तक का सबसे बड़ा होगा। आगे जाकर इसमें कुछ पटवारियों की भूमिका भी सामने आएगी। पीडि़ता का आरोप है कि अमलीभौना में खसरा नंबर 260/5 रकबा एक एकड़ 8 डिसमिल जमीन के बारे में पता किया गया तो जानकारी मिली कि अनुबंधित भूमि में से 0.54 एकड़ भूमि का विक्रय अजित गोरख पिता स्व. राजा मुन्ना गोरख को कर दिया गया है जिसकी रजिस्ट्री 25 जनवरी 2023 को हुई है। अब दिनेश अग्रवाल न तो अतिक्रमित जमीन की रजिस्ट्री कर रहा है और न ही अमलीभौना की जमीन की रजिस्ट्री करवा रहा है। 85 लाख रुपए वापस भी नहीं कर रहे हैं। उपासना की शिकायत पर कोतरा रोड पुलिस ने गोपाल और दिनेश अग्रवाल के विरुद्ध धारा 34, 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।