रायगढ़ – टीमरलगा-गुड़ेली के चूना खदानों व क्रेशरों को जारी क्लोज़र नोटिस की मियाद खत्म होने को…अव्यवस्था दुरुस्त नहीं होने पर होगी सीधे “तालेबंदी की कार्यवाही”.., श्री श्याम मिनरल्स, बालाजी लाइम्स सहित इन 10 खदानों पर हो सकती हैं तालेबंदी की कार्यवाही…

जिले के टीमरलगा-गुड़ेली क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को लेकर अब जिला पर्यावरण विभाग व इसके अफ़सरान देर से ही सही पर अब संजीदा नज़र आने लगे हैं। इसी कड़ी में जिला पर्यावरण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी श्री वर्मा ने नेशनल हाईवे-53 के किनारे स्थित टीमरलगा-गुड़ेली क्षेत्र के बेलगाम चूना-खदानों व क्रेशर पर शिकंजा कसना शुरू करते हुए करीबन 10 पहले ही क्लोज़र नोटिस जारी कर दिया है जिसमें लिखित रूप में सभी 10 खदानों व क्रेशरों के संचालकों को बता दिया गया है कि अगर निर्धारित मोहलत के भीतर सारी अव्यवस्थाओं को दूर नहीं करेंगे तो सभी चिन्हित खदानों व क्रेशरों में तालेबंदी की कार्यवाही की जाएगी।
आज जब इस मामलें को लेकर हमारे संवाददाता ने क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी श्री वर्मा से बात की तो उनका स्पष्ट कहना था कि क्लोज़र नोटिस में 15 दिनों की मोहलत दी गयी हैं जिसकी मियाद अब पूरी होने को हैं और अगर कोई खदान व क्रेशर संचालक इसकी अवहेलना करता है तो निश्चित गौर पर उसके खदान अथवा क्रेशर पर तालेबंदी की कार्यवाही की जाएगी।
इन खदानों व क्रेशरों को जारी किया गया था क्लोज़र नोटिस : श्री श्याम लाइम्स, बालाजी लाइम्स, माँ चंद्रहासिनी लाइम्स, आरके लाइम्स, श्रीराम लाइम्स, गायत्री इंडस्ट्रीज, माँ काली लाइम्स, छत्तीसगढ़ मिनरल्स, गड़ोदिया लाइम्स सहित जगदम्बा स्टीम एंड पॉवरट्रैक शामिल हैं।
बता दें कि जिले के नेशनल हाईवे-53 स्थित टीमरलगा-गुड़ेली को पर्यावरण प्रदूषण के लिहाज से जिले के सबसे संवेदनशील क्षेत्र में शुमार किया जाता हैं जिसकी सबसे बड़ी वजह क्षेत्र में संचालित हो रहें चूना खदान व क्रेशर की हैं जो राज्य पर्यावरण अधिसूचना द्वारा जारी एनवायरमेंटल प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहें हैं।