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रायगढ़ – खबर का असर : एससी युवती के दैहिक शोषण के मामलें में आईजी डाँगी के संज्ञान लेने के बाद “कोतरारोड टीआई चमन” ने आरोपी युवक के खिलाफ 376 के तहत दर्ज किया FIR…हफ्तेभर से इस संवेदनशील मामलें में त्वरित FIR दर्ज करने की बजाय टीआई चमन कर थे ढिलाई….

रायगढ़ – कोतरारोड थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले भगवानपुर क्षेत्र में निवासरत एससी युवती के साथ शादी का झांसा देकर लंबे समय से शारीरिक संबंध बनाने व जबरन गर्भपात कराने वाले आरोपी युवक के खिलाफ कोतरारोड टीआई चमन सिन्हा ने फाइनली आईपीसी की धारा 376 के तहत FIR दर्ज कर लिया है बता दें कि यह पूरा मामला बीतें हफ्तेभर से स्थानीय प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की सुर्खियों पर था बावजूद इस संवेदनशील मामलें में त्वरित FIR दर्ज करने की बजाय टीआई चमन सिन्हा ढिलाई बरत रहे थे जिसके बाद हमारे वेब न्यूज़ पोर्टल hallaabol.co.in ने इस खबर व मामलें से ज़ोन आईजी रतनलाल डाँगी को अवगत कराया था जिसके बाद आईजी ने त्वरित संज्ञान लेते हुए कानूनी कार्यवाही के लिए एसपी रायगढ़ को निर्देशित किया था जिसके बाद ही कल देर शाम थाना प्रभारी में FIR दर्ज किया। बता दें कि इस मामलें को लेकर स्थानीय मीडिया में टीआई चमन सिन्हा को अपनी कार्यशैली को लेकर काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।

यह था पूरा मामला – युवती को शादी का झांसा देकर अवैध संबंध बनाने और उसके गर्भवती होने के बाद जबरन गर्भपात की गोली खिलाने और शादी के लिए दबाव बनाने पर जान से मारने की धमकी देने का एक बड़ा मामला सामने आया है। 

मामलें में मिली जानकारी के अनुसार कोतरारोड थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले भगवानपुर क्षेत्र की एक 25 वर्षीया अनुसूचित जाति की युवती से जुड़ा हुआ है जिसने थाने में लिखित शिकायत देकर अपने साथी कर्मचारी दिलीप सिदार पर शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण करने और उसके गर्भवती हो जाने के बाद जबरन उसे गर्भपात की गोली खिलाने तथा शादी के लिए दबाव बनाने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है।

ये हैं पूरा मामला (साभार – दैनिक क्रांतिकारी संकेत)

पीड़िता ने इसकी लिखित शिकायत कोतरा रोड थाने में देकर आरोपी के खिलाफ विधिसम्मत कड़ी कार्रवाई की मांग की है लेकिन विडंबना यह है कि करीब एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद खबर लिखे जाने तक कोतरारोड टीआई चमन सिन्हा ने इस संवेदनशील मामलें में आरोपी युवक के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया है जबकि मामला बिल्कुल क्लियर क्रिस्टल दैहिक शोषण से जुड़ा नज़र आ रहा है जबकि साल 2014 के बाद कानूनों में हुए संशोधन में साफ उल्लेख हैं कि ऐसे मामलें के संज्ञान में आने के बाद संबंधित थाना प्रभारी को त्वरित विवेचना कर आरोपी/आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज करना होता हैं। खासकर तब जब प्रार्थिया किसी अनुसूचित जाति अथवा जनजाति से जुड़ी हो। और फिर भी अगर थाना प्रभारी किसी प्रकार की आनाकानी करता है तो प्रार्थिया की शिकायत पर उक्त थाना प्रभारी के खिलाफ भी Sec 4 sc/St act,166A I.P.C के तहत अपराध दर्ज किया जा सकता है।

हालांकि इसी बीच इस मामलें को लेकर सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर एक पोस्ट किया गया था जिस पर ज़ोन आईजी रतनलाल डाँगी जी ने त्वरित संज्ञान लेते हुए कमेंट किया है कि वे इस मामलें में कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए रायगढ़ एसपी अभिषेक मीणा को निर्देशित करेंगे।

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