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रायगढ़ – स्टेडियम रोड एक्सीडेंट ट्रैजेडी : आरोपी ड्राइवर या घटनाकारित सूमो के मालिक के लिए FIR में पुलिस ने लिखा ‘साहब’…आखिर किससे हुई इतनी भारी चूक..?शोकसंतप्त परिवार सहित पूरे अग्र-समाज में पुलिस की कार्यशैली को लेकर आक्रोश…कहा क्या संविधान में कोई नई व्यवस्था हैं जिसमें वर्दीधारी आरोपी को ‘साहब’ लिखा जाता हैं.?

रायगढ़ – चार दिन पूर्व 20 नवंबर की शाम 4 बजे रायगढ़ स्टेडियम के ठीक पहले हुए दिल दहला देने वाला सड़क हादसा जिसमें शहर के एक 12 वर्षीय मासूम बच्चें की दर्दनाक मौत हो गई थी के मामलें में चक्रधरनगर थाना पुलिस की एक गैर जिम्मेदाराना व अनैतिक कार्यशैली ने एक बार फिर से मासूम के परिजनों के जख्मों को उस वक्त हरा कर दिया जब चक्रधरनगर थाना पुलिस द्वारा उनके मासूम बेटे की दर्दनाक मौत के लिए जिम्मेदार सूमो चालक अथवा सूमो के मालिक के लिए FIR शीट में “डीएसपी साहब” लिखा गया। इसको लेकर दिवंगत मासूम के शोक संतप्त परिजनों व अग्र समाज से जुड़े वरिष्ठ व्यक्तियों ने गहरी नाराजगी जाहिर की हैं।

चक्रधरनगर थाना पुलिस की इस अनैतिक व गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली पर दिवंगत मासूम के परिजनों ने गहरी नाराज़गी जताते हुए कहा कि रायगढ़ पुलिस के जिम्मेदार अफसर उन्हें यह बताने का कष्ट करें कि क्या FIR शीट में किसी आरोपी अथवा आरोपी से प्रत्यक्ष संबंध रखने वाले के लिए ‘साहब’ जैसे शब्दों का प्रयोग करना कितना नैतिक व वैधानिक हैं या फिर इस मामलें में चूंकि एक आरोपी वर्दीधारी अफसर हैं इसलिए उन्हें किसी विशेष प्रोटोकॉल अथवा स्पेशल संवैधानिक व्यवस्था के तहत रायगढ़ पुलिस इतना सम्मान दे रही हैं ? जबकि उसी अफसर की तेज रफ़्तार सूमो के चक्के ने उनके घर के इकलौते चिराग को हमेशा के लिए बुझा दिया है और सीसीटीवी फुटेज से मिले वीडियो में भी बिल्कुल साफ दिख रहा है कि सूमो की ड्राइविंग सीट से डीएसपी चौहान उतरकर आये थे न कि कोई अन्य ड्राइवर। बावजूद इसके उनके लिए ‘साहब’ जैसे शब्दों का उपयोग करना कितना व्यवहारिक हैं?

दिवंगत मासूम के शोकसंतप्त परिजनों व शोकसभा में सम्मिलित अग्र समाज के वरिष्ठ नागरिकों ने रायगढ़ पुलिस की इस अनैतिक कार्यशैली की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि चक्रधरनगर पुलिस का यह कार्य उनके कभी न भरने वाले जख्मों पर नमक लगाने जैसा हैं। बातचीत के दौरान अग्र समाज से जुड़े लोगों ने चक्रधरनगर थाना पुलिस पर दोहरापन बरतने का भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब पुलिस इसी मामलें में एक आरोपी कार ड्राइवर को कार सहित दूसरे शहर से अरेस्ट कर ले आयी हैं तो फिर दूसरे आरोपी (सूमो के ड्राइवर) की अब तक अरेस्टिंग क्यूँ नहीं कर पायी हैं जबकि वो तो रायगढ़ से ही थे।

दिवंगत मासूम के पिता अमित मोदी ने अत्यंत करुण स्वर में रोते हुए हमारे संवाददाता से कहा कि वो अपने मासूम बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए बड़ी लड़ाई लड़ने को संकल्पित हैं ताकि भविष्य में फिर कभी शहर के किसी घर-परिवार का चिराग यूँ किसी दूसरे की लापरवाही से न बूझें।

राष्ट्रीय अखबार दैनिक भास्कर ने भी अपनी खबर में इस चूक को अलग से दर्शाया हैं

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