वाह रे..उड़ीसा पुलिस तेरा गजब कारोबार, जो आदमी दुनिया में ही नहीं उसके नाम पे भी कर दिया एफआईआर.. “सुंदरगढ़ के गर्जनबहाल गैंगवार” में उड़ीसा पुलिस की कार्यशैली पर उठने लगे सवालिया निशान.. कोल वाशरी में हथियारबंद बदमाशों द्वारा दहशतगर्दी मचाने का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल…

रायगढ़। जिले की सीमा से लगे उड़ीसा राज्य के सुंदरगढ़ जिले के हिमगिर थाना क्षेत्र स्थित गर्जनबहाल कोल वाशरी पर कब्जे को लेकर रायगढ़ के कोयला कारोबारियों के बीच दो दिन पहले हुई गैंगवार के बाद से जहां सीमावर्ती राज्य उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिले सहित रायगढ़ में भी दहशत का माहौल है वही अब इस मामले में उड़ीसा पुलिस की कार्यशैली को लेकर भी सवालिया निशान लगने लगा है क्यूंकि दो दिन पूर्व इस मामले में रायगढ़ शहर के चार लोगों सहित 200 से अधिक लोगों के खिलाफ नामजद FIR हिमगिर थाने में दर्ज किया गया था वही दो दिन बाद इसमें कल देर शाम काउंटर FIR भी दर्ज किया गया है जिसमें एक ऐसे आदमी सुरेश गुप्ता का भी नाम शामिल किया गया है जिसकी चार साल पहले ही मौत हो चुकी है ऐसे में अब रायगढ़ सहित समूचे सुंदरगढ़ जिले में उड़ीसा पुलिस की किरकिरी हो रही है।
चार साल पहले ही कोरोना से हुई मौत.. मगर FIR में नाम..??
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात सामने आ रही है। राजेश अग्रवाल द्वारा की गई शिकायत में जिस सुरेश गुप्ता का नाम बताया जा रहा है। जिस पर गैर जमानती धाराओं के तहत FIR किया गया है। उस पर कथित दावा है कि उस व्यक्ति की मौत आज से 4 साल पहले 13 मार्च 2020 में कोरोना काल के दौरान हो चुकी है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी सुरेश गुप्ता का डेथ सर्टिफिकेट
अगर इन दावों को सच मान जाए …? तो ऐसे में सवाल यह उठता है.. क्या उड़ीसा पुलिस इस मामले को लेकर किसी बड़े दबाव में है या फिर हड़बड़ी में गड़बड़ी हो गई है..? बिना किसी जांच पड़ताल के इतनी बड़ी चूक.. वह भी इतनी गंभीर धाराओं के तहत जिसमें अपराध दर्ज हो रहा हो..?? फिलहाल उड़ीसा पुलिस का कहना है कि मामले में विवेचना जारी है।
वहीं इस मामले में अब एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह बड़ी तादाद में हथियारबंद बदमाशों द्वारा गर्जन बहाल कोल वाशरी परिसर में दहशतगर्दी मचाई गई थी और इस वीडियो के सामने आने के बाद अब इस बात की भी संभावना है कि अब स्थानीय पुलिस की इन्वेस्टिगेशन को एक नई दिशा मिल सकती हैं.??