रायगढ़ : पहले की लव मैरिज , बाद में करने लगा पत्नी के चरित्र पर शक , फिर एक दिन कर दी गर्भवती पत्नी को बेरहमी से हत्या…हत्यारे पुलिसकर्मी को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

रायगढ़ : रायगढ़ कोर्ट के विद्वान न्यायधीश जितेंद्र कुमार जैन ने हत्या के एक मामले में आरोपी पुलिस कर्मी कुलदीप कुमार रजक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
बता दें कि आरोपी कुलदीप कुमार रजक जो कि वारदात के दिन तक रायगढ़ यातायात पुलिस में बतौर आरक्षक पदस्थ था पर अपनी ही पत्नी की हत्या करने का संगीन आरोप था।
आरोपी आरक्षक का नाम कुलदीप कुमार रजक (29 साल) है। कुलदीप का प्रेम प्रसंग सुजाता चौहान के साथ चल रहा था। दोनों ने 16 जनवरी 2020 को ओडिशा के अम्बाभौना मंदिर में अंतरजातीय विवाह किया था। आरक्षक कुलदीप ग्राम रनभांठा का रहने वाला है।
शादी के बाद कुलदीप अपनी पत्नी सुजाता को लेकर जूटमिल चौकी के फटहामुड़ा निवासी नरेश पटेल के मकान में रहने लगा , लेकिन कुछ ही दिनों के बाद दोनों पति-पत्नी के बीच संबंध बिगड़ने लगे थे और आरोपी अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करने लगा।

आए दिन दोनों के बीच विवाद होने लगा। आरक्षक पति अपनी पत्नी को रोजाना ताने दिया करता था। वारदात के दिन भी दोनों के बीच कहासुनी हुई थी जो मारपीट में बदल गई। 5 जून 2020 को पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ, जिस पर गुस्से से बौखलाए कुलदीप ने आव देखा न ताव और किचन में रखे सिलबट्टे को उठाकर गर्भवती पत्नी सुजाता के सिर पर बलपूर्वक दे मारा। लिहाजा खून से लथपथ हालत में तड़पते हुए उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
यह वारदात जूटमिल चौकी क्षेत्र के फटहामुड़ा की पटेल कॉलोनी में हुई थी। वारदात की भनक लगते ही पटेल कॉलोनी के दहशतजदा लोगों ने इसकी सूचना जूटमिल चौकी को दी, तो तत्कालीन प्रभारी अमित शुक्ला दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने IPC की धारा 302 और 3 (2) (5) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अंतर्गत कुलदीप के खिलाफ मुकदमा पंजीबद्ध करते हुए चार्जशीट कोर्ट में पेश किया।
आजीवन कारावास की सजा
विशेष न्यायाधीश जितेंद्र कुमार जैन ने दोनों पक्षों की दलीलों और सबूतों के मद्देनजर कुलदीप को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 5 हजार का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड की राशि चुकता नहीं होने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा।







