रायगढ़। शहर की सीमा से लगे गढ़ उमरिया में धड़ल्ले से जारी है सरकारी भूमि पे अवैध कब्जे और निर्माण का खेल.. स्थानीय पटवारी की भूमिका भी संदेहास्पद..? तहसीलदार नेहा उपाध्याय ने तैयार कराई रिपोर्ट.. जल्द ही अतिक्रमणकारियों को जारी होगी नोटिस..
तालाब पाटकर कॉलोनी बना रहा है एक कॉलोनाइजर

रायगढ़। जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल के आदेश एवं दिशा निर्देश का न तो राजस्व अमले को कोई फर्क पड़ते दिखाई दे रहा है न ही स्थानीय भू माफियाओं के मंसूबे पर। जी हां, हम बात कर रहे है रायगढ़ में रिक्त पड़ी सरकारी भूमि पर धड़ल्ले से हो रहें अवैध अतिक्रमण, निर्माण और गैर कानूनी ढंग से हो रही बिक्री की ! जिसको लेकर लगभग तीन महीने पूर्व ही जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल द्वारा विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया गया था कि कहीं से भी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे और निर्माण की जानकारी मिलती है तो उस पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए और सरकारी भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए, किंतु जिला राजस्व के गैर जिम्मेदार अफसरों की वजह से आज न सिर्फ रायगढ़ शहर की ज्यादातर सरकारी भूमि पर भू माफियाओं का कब्जा और निर्माण स्थापित हो गया है बल्कि भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि अब वे शहर की सीमा से बाहर भी अपने पैर पसारने लगे हैं।
ताजा मामला शहर की सीमा से लगे पुसौर तहसील का के गढ़ उमरिया ग्राम पंचायत का है जहां संस्कार पब्लिक स्कूल रोड पर स्थित बोंदाटिकरा क्षेत्र में इन दिनों भू माफियाओं की गिद्ध दृष्टि गड़ चुकी है जो बड़े स्तर पर सरकारी भूमि पर न सिर्फ अवैध अतिक्रमण कर रहे हैं बल्कि धड़ल्ले से अवैध निर्माण भी कर रहे हैं ऐसे में स्थानीय पटवारी की भूमिका स्वतः ही संदेहास्पद हो जाती है हालांकि जब हमारे संवाददाता द्वारा पुसौर तहसीलदार को मामले की जानकारी दी गई तब तहसीलदार सुश्री नेहा उपाध्याय द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए अतिक्रमित क्षेत्र की जांच रिपोर्ट तैयार कराई गई है और उन्होंने हमारे संवाददाता को कल यह भी बताया है कि जल्द ही सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर दिया जाएगा , जिसके बाद आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
वैसे यहां यह भी बताना जरूरी होगा कि ग्राम पंचायत गढ़ उमरिया से ही अवैध अतिक्रमण और निर्माण से जुड़ी एक बड़ी खबर भी मिल रही हैं जहां एक कालोनाइजर द्वारा क्षेत्र के बड़े तालाब को अवैध रूप से पाटकर, कॉलोनी हेतु प्लॉटिंग की जा रही है जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट दिशा निर्देश है कि पुराने सरोवर एवं तालाबों की यथास्थिति बरकरार रखा जाए, ऐसे में अब यह देखना भी दिलचस्प होगा कि इस मामले में तहसीलदार नेहा उपाध्याय कब और किस तरह की कार्यवाही करती है…??