रायगढ़

” बंटी ” कॉलोनाइजर या लैंड माफिया ..? गढ़उमरिया में तालाब भूमि के बाद अब हाउसिंग बोर्ड की भूमि को हथियाने के फिराक में… उर्दना में भी अवैध प्लॉटिंग करने की जानकारी .. आरटीआई से खुलेगा पिछले 5 सालों का काला चिठ्ठा..

आखिर किसके संरक्षण में बंटी कर रहा है गड़बड़झाला...??

रायगढ़। जिला मुख्यालय रायगढ़ और इसकी सीमा से लगे पुसौर तहसील की चर्चा इन दिनों पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में हो रही हैं जहां कुछेक कथित भू माफिया किस्म के कॉलोनाइजर लोग जिन्हें शहर में बंटी और पप्पू के नाम से संबोधित किया जाता है के द्वारा पहले राजस्व मंडल बिलासपुर के एक ऐसे आदेश जो माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बिल्कुल विपरीत के आधार पर एक तालाब को पाटकर कॉलोनी विकसित की जा रही है जिसकी औपचारिक शिकायत पुसौर तहसीलदार से की जा चुकी है वही इस मामले में छग हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल किया जा रहा है जिसके बाद लगभग इतना तो तय है कि गढ़ उमरिया के मामले में राजस्व मंडल द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विपरीत जारी किए आदेश को दोबारा रिवर्स कर दिया जायेगा…..

हालांकि बंटी और पप्पू की कुख्यात जोड़ी की यह कोई एकमात्र करतूत नहीं है जहां उनके द्वारा प्रायोजित तरीके से तंत्र के लूप होल का दुरुपयोग करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत जमीन की खरीदी बिक्री अथवा अधिग्रहण किया गया है।

हाल में ही बंटी और पप्पू की इस कुख्यात जोड़ी द्वारा शहर से लगे उर्दना क्षेत्र में किसी बेरीवाल नामक शख्स से लगभग 2 एकड़ जमीन की खरीदी की गई है जहां इनके द्वारा शासन प्रशासन द्वारा जारी आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध रूप से प्लॉटिंग की जा रही है जो कि कानूनन एक अपराध की श्रेणी में आता है वही एक अन्य मामला शहर के कोतरारोड क्षेत्र का है जहां बंटी द्वारा हाउसिंग बोर्ड की भूमि को हथियाने की कोशिश की जा रही थी और सरकारी भूमि में गैर कानूनी रूप से बॉउंड्री वॉल का निर्माण कराया जा रहा था हालांकि बाद में क्षेत्र के कुछ जिम्मेदार और जागरूक नागरिकों के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल हाउसिंग बोर्ड की सरकारी भूमि पर कथित भू माफिया बंटी द्वारा किया जा रहा अवैध कब्जा रोक दिया गया है लेकिन यहां सवाल यह भी उठता है कि आखिर बंटी और पप्पू की इस कुख्यात जोड़ी को आखिर किसका संरक्षण हासिल है जो ये इतना बेखौफ होकर तालाब भूमि से लेकर किसी सरकारी अथवा आबंटन भूमि को कब्जा करने में नहीं हिचक रहें है…??

वहीं अब बंटी के विषय में कुछ चौंका देने वाली जानकारी भी मिल रही है कि किस तरह बीते कुछ सालों में इसके द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठगांठ कर कई एकड़ सरकारी, आबंटन और आदिवासी भूमि को अपने नाम में कराया गया है इस मामले में शहर के एक नामी आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा जल्द एक आरटीआई आवेदन दिए जाने की भी जानकारी मिल रही है जिससे बंटी के द्वारा पिछ्ले कुछ सालों में कैसे सिस्टम का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपए की भूमि को हथियाए जाने की चौंका देने वाली जानकारी सामने आने का दावा ऊक्त आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा किया गया है…..

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