रायगढ़ – दलित किसान के आत्महत्या के मामलें में आखिर क्यूँ आ रहा है मैडम नायब तहसीलदार का नाम..?

रायगढ़ – 3 दिन पूर्व बरमकेला तहसील कार्यालय के सामने स्थानीय दलित युवक द्वारा जहर सेवन कर आत्महत्या कर लेना का मामला अब सुलझने की बजाय उलझता ही जा रहा है क्योंकि इस मामलें में परिजनों ने जो बयान दिया है उसमें न सिर्फ धमकी देने वाले स्थानीय व्यक्ति , जमीन दलाल का जिक्र है बल्कि एक महिला राजपत्रित अधिकारी व पटवारी का भी जिक्र हैं।
इस मामलें में मृतक बैरागी मिरी की पत्नी ने घटना के बाद तहसीलदार के समक्ष लिखित बयान दिया है उसमें कई जगह तहसीलदार मैडम का भी जिक्र किया गया है जिसमें उनके द्वारा यह बयान दिया गया है कि उन्होंने कर्ज़ में लिए गए 5 लाख रुपये को किसी भुनेश्वर खूँटे नामक दलाल को दिया , जिसमें से दलाल द्वारा 3 लाख रुपये मैडम को देने की बात कहीं गयी हैं हालाँकि मृतक की पत्नी ने अपने बयान में एक जगह इस बात का भी जिक्र किया है कि मैडम से बात होने पर उनके द्वारा 3 लाख रुपये वापस उक्त दलाल भुवनेश्वर खूँटे को लौटाने की बात कही गई हैं।
अब इस लेनदेन व सौदेबाजी की हकीकत क्या है ये तो हम नहीं जानते है किंतु यहाँ सोचने वाली बात यह है कि नायब तहसीलदार जैसे राजपत्रित व जिम्मेदार पद पर बैठे एक महिला अधिकारी का नाम तीन लाख रुपये के लेनदेन के मामलें में आ ही क्यूँ रहा है..? जबकि ऐसे मामलों में उनकी कोई सीधी भूमिका होनी ही नहीं चाहिये।
कुल मिलाकर देखा जाए तो यह पूरा मामला उतना सीधा व सरल हैं नहीं जितना कि सतही तौर पर नज़र आ रहा है ऐसे में मामलें की विवेचना कर रही पुलिस के लिए भी इस आत्महत्या काण्ड के उलझे हुए तारों को सुलझाना काफी चुनौती भरा काम होगा।
वैसे यहाँ यह भी बताना जरूरी होगा कि किसान के इस हृदयविदारक आत्महत्या के मामलें को रायगढ़ भाजपा ने एक बड़ा मामला बना दिया है और स्थानीय प्रशासन के साथ साथ शासन की व्यवस्था पर भी भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने कुछ तीखे सवाल उठाए हैं तो वहीं भाजयुमों के पूर्व जिलाध्यक्ष विकास केड़िया द्वारा कल मृतक के परिजनों से मिलकर कानूनी लड़ाई में हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए इंसाफ नहीं मिलने की स्थिति में उग्र आंदोलन की बात भी कहीं गयी हैं जिससे अब यह मामला पूरी तरह से गरमा गया है।
नोट – मृतक की पत्नी खीरबाई द्वारा तहसीलदार को दिए गए बयान की कॉपी हमारे पास सुरक्षित हैं।