सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुला उल्लंघन : फ्लाईऐश से तालाब पाटने का मामला , ठेकेदार की हठधर्मिता से सैकड़ों मवेशियों के समक्ष उत्पन्न हो सकता है जल संकट..

रायगढ़। जिला मुख्यालय से महज 11-12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गेरवानी ग्राम पंचायत के सराईपाली गांव से औद्योगिक भर्राशाही का एक बड़ा मामला सामने आया है जहां एक स्थानीय प्लांट से निकलने वाले विषाक्त अवशिष्ट पदार्थ फ्लाईऐश से निजी भूमि पर स्थित एक बड़े तालाब को पाटा जा रहा है और जिसे पाटने का कार्य अजय साहू नामक एक ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है।

बता दें कि माननीय सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट दिशा निर्देश है कि निजी अथवा सार्वजनिक भूमि पर स्थित किसी भी जल संपन्न अथवा जल धारण करने की क्षमता रखने वाले तालाब, सरोवर और अन्य किसी जल स्त्रोत को न तो पाटा जाने की अनुमति है और न ही ऐसे किसी जलस्रोत पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य करने की अनुमति है और कोई अगर ऐसा करता है तो फिर उसके खिलाफ संविधान सम्मत विधिक कार्यवाही की जायेगी, बावजूद रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगे क्षेत्रों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत जाकर तालाब पाटने का कार्य किया गया है अथवा किया जा रहा है ताजा मामला औद्योगिक क्षेत्र पूंजीपथरा का है ऐसे में इस बात की और भी संभावना बढ़ जाती है कि क्षेत्र में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विपरीत कार्य करने वाले उद्योग या प्लांट होंगे तभी इस तरह के कृत्य को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है जिससे क्षेत्र के सैकड़ों मवेशियों के समक्ष जलसंकट का खतरा उत्पन्न होने की संभावना बढ़ गई है क्योंकि सालों से क्षेत्र के लगभग सभी मवेशी इसी तालाब से अपनी तृष्णा को तृप्त करते रहे हैं। अब देखना है कि इस मामले में क्षेत्रीय पर्यावरण विभाग और जिला प्रशासन कब और किस तरह की कार्यवाही करते है…??