
रायगढ़ – रायगढ़ जिला भाजपा इन दिनों अपनी एकजुटता को लेकर तमाम बड़े-बड़े दावे कर रही हैं पर असल तस्वीर उनके दावों से बिल्कुल अलग कहानी बयाँ करती हैं। बीतें एक महीनें से जितने भी कार्यक्रम, आंदोलन या आयोजन स्थानीय भाजपा के तत्वाधान में किया गया है हर कार्यक्रम के दौरान भाजपा कार्यकर्ता एकजुट दिखने की बजाय टुकड़े टुकड़े गैंग के रूप में दिखाई देने लगी हैं।

इसकी एक झलक आज एक बार फिर उस समय देखने को मिली जब रायगढ़ भाजयुमों के तत्वाधान में आगामी 15 सितंबर को आयोजित होने वाली एमएसपी की जनसुनवाई के विरोध में आज एक रैली निकाली गई जो जैसे ही पूर्वांचल के मनुवापाली गांव पहुंची जहाँ एमएसपी प्लांट स्थित हैं तो वहाँ उन्हें स्थानीय ग्रामीणों के साथ साथ अपनी ही पार्टी से जुड़े दर्जनों कार्यकर्ताओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। एमएसपी के समर्थन में सड़कों पर उतरी सैकड़ों लोगों की इस जंगी भीड़ ने रायगढ़ भाजयुमों कार्यकर्ताओं की जमकर लानत मलानत की।
इसमें सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि जब स्थानीय ग्रामीण सैकड़ों की तादाद में एकजुट होकर रायगढ़ से गये भाजयुमों कार्यकर्ताओ को वहाँ खदेड़ रहे थे तो वहाँ मौजूद स्थानीय भाजपा के दर्जनों कार्यकर्ता भी रायगढ़ से गये भाजयुमों कार्यकर्ताओं का खुलकर विरोध करते देखे गए। इससे एक बार फिर साफ हो जाता हैं और रायगढ़ जिला भाजपा में इन दिनों अंदरूनी अंतर्कलह अपने चरम पर है।

इसी घटनाक्रम को लेकर पूर्वांचल के एक सोशल एक्टिविस्ट द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक पोस्ट भी डाली गई जिसमें उन्होंने एमएसपी प्रांगण में रायगढ़ भाजयुमों कार्यकर्ताओं के साथ घटित घटना को रायगढ़ भाजपा की डर्टी-पॉलिटिक्स करार देते हुए रायगढ़ भाजपा पर तीखा कटाक्ष किया हैं और सपाट शब्दों में लिखा कि रायगढ़ भाजयुमों के कार्यकर्ताओं को अपनी ही पार्टी भाजपा पूर्वांचल के कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ा।
तो इस पोस्ट पर जिला भाजपा आईटी सेल के जिला संयोजक अंशुल टुटेजा ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि वे “सब लोग दलाल हैं।” और अब पार्टी में नहीं रहेंगे।
कुल मिलाकर कहा जाये तो जिला भाजपा हो या भाजयुमों या फिर महिला मोर्चा हो। जिस तरह की घटनाएं इन दिनों एक के बाद एक सामने आ रही है उसे देखकर तो लगता हैं कि रायगढ़ भाजपा की तथाकथित एकजुटता महज लफ़्फ़ाजी हैं असल में रायगढ़ भाजपा अब टुकड़े टुकड़े गैंग बनकर रह गई हैं जहाँ कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के बीच जो सामंजस्य व तालमेल होना चाहिये वो फिलहाल पूरी तरह से गायब है जिसकी वजह से आये दिन रायगढ़ भाजपा की फजीहत हो रही हैं।
