जिले के इस दिग्गज कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री को संबोधित कर किया पोस्ट…जिसमें उन्होनें इस ‘विधायक’ को बताया निकम्मा और सीएम को लिखा कि अगर विधानसभा बचाना हैं तो…

रायगढ़ – जिले के दिग्गज व वरिष्ठ युवा कांग्रेसी नेताओं में शुमार पूर्व जिला पंचायत सदस्य अशोक अग्रवाल द्वारा आज 9 अक्टूबर की शाम सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक पोस्ट किया गया है जिसके बाद जिलें में कांग्रेस की सियासत में अचानक से गर्माहट सी आ गयी हैं क्योंकि उनके पोस्ट के मजमून से प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने यह पोस्ट रायगढ़ जिले के ही 5 कांग्रेसी विधायकों में से किसी एक पर तगड़ा कटाक्ष करते हुए किया है।

बता दें कि दिग्गज युवा कांग्रेसी नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य अशोक अग्रवाल पूरे जिले भर में अपनी सधी हुई राजनीतिक कार्यशैली, कांग्रेस के प्रति विशेष निष्ठा और बेबाक सियासी बयानबाज़ी के लिए जाने जाते हैं इसलिए उनके द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर आज जो पोस्ट किया गया है वह कहीं न कहीं जिला कांग्रेस सहित कथित विधायक महोदय के लिए किसी खतरें की घण्टी से कम नहीं हैं और न कांग्रेस उनके इस आक्रामक तेवर को हल्के में लेने की भूल कर सकती हैं।

वैसे सोशल मीडिया में उनके द्वारा जो पोस्ट किया गया है उसे स्थानीय राजनीतिक समीक्षक लैलूंगा विधायक चक्रधर सिदार से जोड़ कर देख रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने उक्त पोस्ट में लैलूंगा के स्थानीय वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेंद्र सिदार का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि उन्हें सुरेंद्र सिदार से किया गया वादा अब निभाना चाहिए। आगे उन्होंने उक्त विधायक को ‘निकम्मा’ करार देते हुए यह भी लिखा है कि अगर विधानसभा बचाना है तो मुख्यमंत्री को इस ‘निकम्मे-विधायक’ को पारितोषिक देना बंद करना होगा।
वैसे यहाँ यह भी बताना लाज़िमी होगा कि कांग्रेसी नेता अशोक अग्रवाल ने बीतें विधानसभा चुनाव के दौरान लैलूंगा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहें वर्तमान विधायक चक्रधर सिदार की जीत में अपनी व्यक्तिगत सामाजिक व राजनीतिक लोकप्रियता व सर्व स्वीकार्यता के बूतें एक अहम भूमिका का निर्वाहन किया था लेकिन अब अचानक से वो ही अगर विधायक की कार्यशैली से असंतुष्ट हैं जैसा कि उक्त पोस्ट के मजमून को देखकर लग भी रहा है तो यह जिला कांग्रेस सहित उक्त विधायक के लिए भी चिंता का विषय हो सकता हैं क्योंकि कांग्रेसी नेता अशोक अग्रवाल निर्विवाद रूप से अपने विधानसभा क्षेत्र के सबसे कद्दावर कांग्रेसी नेता मानें जाते हैं और उनकी नाराजगी को जिला कांग्रेस हल्के में लेने की भूल नहीं करेगी।

यह भी बता दें कि लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय आम जनता भी अपने विधायक की कार्यशैली से बिल्कुल असंतुष्ट हैं क्योंकि यहाँ के स्थानीय निवासियों का मानना हैं कि पूरे जिले में सबसे अधिक औद्योगिक इकाइयां इसी क्षेत्र में संचालित होती हैं बावजूद उनके ढ़ाई साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने न तो कभी क्षेत्र में बढ़ते हुए औद्योगिक प्रदूषण का खुलकर विरोध किया है और न ही क्षेत्र की बदहाल सड़कों के लिए कोई विशेष प्रयास किया है स्थानीय लोगों का तो यहाँ तक कहना है कि बीतें एक साल के दौरान ही एक के बाद एक धड़ाधड़ औद्योगिक विस्तार हेतु जनसुनवाई हो रही हैं जिसको लेकर वे कभी भी औद्योगिक इकाइयों का विरोध करते नज़र नहीं आते हैं जिसको लेकर भी आम जनता में अपने विधायक को लेकर खासी नाराजगी हैं।
बहरहाल… क्षेत्र में अपनी घटती लोकप्रियता व जनाधार के बाद अगर अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता उन (कथित विधायक महोदय) पर निकम्मेपन का आरोप लगा रहें हैं तो ऐसे में यह कहना अब गलत नहीं होगा कि भविष्य में उनके सितारे गर्दिश में नज़र आ सकते हैं।