रायगढ़ – आज सुबह 9 बजे चक्रपथ में लोकेश साहू के नेतृत्व में “केलो महा सफाई अभियान” की होगी शुरुआत…

रायगढ़ – पूत,कपूत हो तो माँ का आँचल भी मैला हो हो जाता है लेकिन पूत सपूत हो तो न केवल मैले आँचल को साफ करने का बीड़ा उठाता है बल्कि समाज के लिए अनुकरणीय मिशाल बन जाता है। काँग्रेस की राजनीति में एक ऐसी अनोखी मिशाल बने है पूर्व युवक काँग्रेस अध्यक्ष लोकेश साहू…दशको से केलो ने शहर की पीढ़ियों को जन्म से लेकर जवान होकर बूढ़ा होते देखा है और अपने ही तट पर बने मुक्तिधाम में केलो शहरवासियों को अश्रुपूरित विदाई की गवाह भी बनती रही। जब विकास नही था उद्योग नही था तो इस ममता मई माँ केलो का आँचल भी उजला ही था। केलो में बहने वाले श्वेत धारा दूध बनकर पूरे शहर को पोषित करती रही …


उद्योगों के प्रदूषण ने सिर्फ वातावरण को प्रदूषित नही किया बल्की राजनैतिक व सामाजिक चिंतन व मानसिकता को भी प्रदूषित किया। शहर की हरियाली मानो ओद्योगिक प्रदूषण के कारागार में कैद हो गई। हरियाली को इस प्रदूषण के कारागार से छुड़ाने जितने भी कठोर नियम कानून बनाये गए वे औद्योगिक आतंकवाद के सामने लहूलुहान ही नजर आए। केलो का रोना (बहना) जारी था…केलो ने कभी पूत सपूत के बीच भेदभाव नही किया बल्कि वो दोनो को ही सम भाव से पोषित करती रही। मैले के बोझ से केलो का आँचल भारी हो गया लेकिन केलो अपने कर्तव्य पथ से नही डिगी।
कोरोना का कहर थमते देख ओद्योगिक विस्तार की बाढ़ सी आ गई। केलो अब मैले का बोझ उठाने में अक्षम है इस विवशता को राजनीति से जुड़े युवा लोकेश साहू ने पूरी संजीदगी से समझा और आज प्रातः 9 बजे अपने प्रिय नेता टीएस सिंहदेव के जन्मदिन पर केलो मैय्या के आँचल को साफ करने का बीड़ा उठाया हैं। आज इंदिरा गाँधी का शहादत दिवस भी है। आज के दिन लोकेश साहू का यह शाश्वत प्रयास आने वाली पीढ़ी के लिए भी प्रेरणादायी बनेगा। हमारी रगों में केलो मैया का रक्त बह रहा है हम सबका प्रथम दायित्व है कि किसी भी पार्टी से जुड़ा राजनीति युवा किसी पावन कार्य का बीड़ा उठाये तो उसका हाथ अवश्य मजबूत करना चाहिए। लोकेश साहू युवा राजनीति का ध्वज वाहक बनकर आज हमारे समक्ष हैं ऐसे में उसका हाथ मजबूत करना शहर वासियों का दायित्व भी है।
केलो मईया की सफाई में आप भी अपना योगदान अवश्य देवे।