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रायगढ़ – NGT के नियमों-गाइडलाइन्स व कलेक्टर के तमाम आदेशों की धज्जियाँ उड़ाने का मामला : रायगढ़ एनर्जी जनरेशन (अडानी) कर रहा है लातनाला के समीप जहरीले फ्लाईऐश की डम्पिंग, लातनाला हो रहा हैं विषाक्त, चार साल भी यह प्लांट आ चुका है पर्यावरण विभाग के राडार में..ऐसे ही एक मामलें में NGT ने “NTPC सीपत” में की थी तालेबंदी की कार्यवाही…कल ही भौतिक निरीक्षण के लिए भेजेंगे टीम, गलत पाए जाने पर करेंगे सख्त से सख्त कार्यवाही – श्री वर्मा, आरओ

रायगढ़ – रायगढ़ जिले के सारंगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत टिमरलगा में इन दिनों अडानी ग्रुप की कंपनी रायगढ़ एनर्जी जनरेशन की मनमानी अपने पूरे चरम पर हैं जो खुलेआम NGT की नियमों व गाइडलाइन्स की धज्जियाँ उड़ाने के साथ साथ रायगढ़ कलेक्टर के आदेशों की भी अवहेलना कर मनमाने तरीके विषाक्त औद्योगिक अवशिष्ट फ्लाईऐश की डम्पिंग कर रहा है।

बता दें कि जिस क्षेत्र में फ्लाईऐश की डम्पिंग की जा रही हैं वह क्षेत्र पर्यावरण के लिहाज से काफी संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है क्योंकि उससे कुछ ही मीटरों की दूरी पर लातनाला के रूप में बड़ा व प्राकृतिक जलस्त्रोत स्थित हैं और क्षेत्र का भौतिक सर्वेक्षण करने के बाद स्थिति बिल्कुल साफ हो जाती हैं कि अडानी कम्पनी (रायगढ़ एनर्जी जनरेशन ) द्वारा इस क्षेत्र में जिस तरह से NGT के नियमों व गाइडलाइंस की धज्जियाँ उड़ाते हुए फ्लाईऐश की डम्पिंग की जा रही हैं उससे सीधे तौर पर लातनाला जैसे बड़े प्राकृतिक जलस्त्रोत की पानी न सिर्फ प्रदूषित हो रहा है बल्कि फ्लाईऐश में मौजूद अत्यंत रिएक्टिव रासायनिक तत्त्वों की मौजूदगी की वजह से विषाक्त हो रहा है और चूंकि इस जलस्त्रोत पर क्षेत्र में रहने वाली हज़ारों जनाबादी निस्तारी के लिए लंबे समय से उपयोग करते हैं ऐसे प्रत्यक्ष रूप से उनके भी गंभीर रूप से इंफेक्टेड होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

वहीं पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा बिना एनओसी लिए ही अदानी पावर लिमिटेड द्वारा यहाँ फ्लाईऐश डंप किया जा रहा है हालाँकि कंपनी प्रबंधन का कहना हैं उनके द्वारा सीधे पर्यावरण विभाग से एनओसी ली गयी है जबकि नियमानुसार फ्लाईऐश डम्पिंग के मामलें में संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा ही एनओसी दिया जाता हैं। ऐसे में यह बिल्कुल साफ हो जाता हैं कि यह पूरा मामला न सिर्फ एनजीटी की नियमों की अवहेलना से जुड़ा हैं बल्कि रायगढ़ कलेक्टर द्वारा जारी आदेशों की भी नाफरमानी है। ग्रामवासियों का कहना है कि उनके द्वारा कई बार इसकी शिकायत जिला पर्यावरण विभाग को दूरभाष के माध्यम से दे चुके हैं लेकिन पर्यावरण विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई हैं जबकि ऐसे मामलों में पर्यावरण विभाग चाहें तो संबंधित उद्योग पर सीधे तालेबंदी की कार्यवाही भी कर सकता हैं।

लातनाला में प्रवाहित होता विषाक्त फ्लाईऐश

वैसे यहाँ यह भी बताना जरूरी होगा कि चार साल पूर्व में भी इस उद्योग समूह के द्वारा इस संवेदनशील क्षेत्र में बेतरतीब तरीके से फ्लाईऐश की डम्पिंग की गई थी तब जिला पर्यावरण विभाग के तत्कालीन आरओ आर.के.शर्मा के द्वारा इन्हें सख्ती के साथ चेताया गया था कि फ्लाईऐश की डम्पिंग के मामलें में ऐसी बड़ी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं जब हमारे संवाददाता ने मौजूदा क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी श्री वर्मा से बात की तो उन्होनें साफ तौर कहा कि वे कल ही एक टीम भौतिक निरीक्षण के लिए भेजेंगे और यदि स्पॉट अवलोकन के दौरान यह पाया जाता है कि फ्लाईऐश, प्राकृतिक जलस्त्रोत लातनाला के जल को प्रदूषित कर रहा है तो संबंधित उद्योग के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे।

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