शहर में ब्लैक मनी को व्हाइट करने का खेल जोरो पर .. ढिमरापुर स्थित एक प्राइवेट बैंक के एम्प्लॉय की अहम भूमिका..किसी बड़े रैकेट की संलिप्तता की पूरी संभावना…. देशविरोधी गतिविधियों में ब्लैकमनी का हो सकता है इस्तेमाल…??

रायगढ़। शहर में इन दिनों एक नए तरह के ठगबाजों के सिंडिकेट के सक्रिय होने की चर्चा है जो सीधे सादे नवयुवकों को सरकारी योजनाओं का डीबीटी के माध्यम से लाभ दिलाने का प्रलोभन देकर पहले उनका बैंक खाता ढिमरापुर स्थित एक प्राइवेट बैंक में खुलवा रहे है जिसमें खाता खुलवाने हेतु जो भी अनिवार्य औपचारिकताएं होती है उसे उसी बैंक में कार्यरत एक एम्प्लॉय के द्वारा अपने सुविधायुक्त स्थान में बुलाकर या फिर युवकों के घर जाकर पूरी की जाती है और फिर तत्काल खाता खुल जाता है। ठगी के शिकार हुए एक पीड़ित युवक ने बताया कि उक्त बैंक कर्मी के पास उनके खाते की सारी डिटेल्स होती है जिसका फायदा उठाकर ठगी के इस बड़े स्कैम को अंजाम दिया जा रहा है जिसमें शनिवार या रविवार के दिन ही अलग अलग अकाउंट्स से 20000, 30000 और 50000 जैसी बड़ी रकम क्रेडिट होती है और फिर अगले ही मिनट में इस रकम को किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है और जब खातेधारकों को मोबाईल में आए ट्रांजेक्शन मैसेज के जरिए उसके खाते के जरिए हो रहे रुपयों के हेराफेरी की जानकारी मिलती है तो वह चौंक जाता है और किसी बड़े फ्राउड अथवा कालेधन की हेराफेरी से जुड़े किसी बड़ी देशविरोधी साजिश का शिकार न हो जाऊं के डर से जब खाता धारक उक्त बैंक में जाकर अपनी समस्या बताते हुए अकाउंट को तत्काल प्रभाव से क्लोज करने का निवेदन करता है तो बैंक में कार्यरत उसी एम्प्लॉय के द्वारा बड़ी ही चालाकी से उन्हें यह बोलकर चलता कर दिया जाता है कि 90 दिन से पहले उनके बैंक में खोले गए खाते को बंद नहीं किया जा सकता है। पीड़ित खातेधारक युवक ने यह भी बताया कि उसके जैसे दर्जन भर युवकों का एक ही व्यक्ति के द्वारा बैंक कर्मी से सांठगांठ कर खाता खुलवाया गया है जिसमें बीते कुछ दिनों में ही लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन हो चुका है। यही नहीं जब उनके द्वारा उन्हें खाता खुलवाने के लिए प्रलोभन देने वाले किसी RATRE टाइटल वाले स्थानीय जूटमिल थाना क्षेत्र निवासी युवक से खाता को बंद कराने की गुहार लगाई तो उक्त युवक के द्वारा उल्टे उन्हें ही झूठे घोटाले में फंसाने की धमकी दी जाती है जिसमें निजी बैंक के उस एम्प्लॉय की बराबर भूमिका सामने आ रही है।

बहरहाल इस निजी बैंक में कार्यरत बैंककर्मी और उक्त शातिर स्थानीय युवक के द्वारा जिस तरह से सीधे सादे युवकों को झूठ और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के फर्जी आश्वासन देकर खाते खोले गए हैं अथवा जा रहे है और उन खातों के जरिए जो बेनामी लाखों रुपए का लेनदेन और हेराफेरी हो रहा है उसके मद्देनजर यह कहना मुश्किल नहीं है कि यह किसी एक बड़े रैकेट के द्वारा अंजाम दिया जा रहा है जिसमें ब्लैक मनी को बैंकिंग ट्रांजेक्शन के जरिए छोटे छोटे बचत खातों के जरिए व्हाइट किया जा रहा है और इस पूरे बैंकिंग फ्राऊड में इस बात की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस ब्लैकमनी को देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा रहा है….??














