रायगढ़ : “बूढ़ी माई व महादेव मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर अवैध कब्जे व खरीदी-बिक्री के मामलें में प्रशासनिक जाँच शुरू…आगामी 2 फरवरी को होगा सीमांकन…सिद्धेश्वर नेत्रालय, जलतारे होटल सहित और भी कई बेज़ा-कब्जेदारो की बढ़ सकती हैं मुश्किलें…

रायगढ़ – आज दोपहर शहर में उस वक्त माहौल गरमा गया जब शहर के एक वरिष्ठ व जिम्मेदार पत्रकार युवराज सिंह आज़ाद द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर बूढ़ी माई व महादेव मंदिर ट्रस्ट की बेशकीमती जमीन की खरीदी बिक्री को लेकर एक तीखा पोस्ट किया गया था जिसके बाद हमारे वेब न्यूज़ पोर्टल hallaabol.co.in ने इस पूरे मामलें को बेहद संजीदगीपूर्ण तरीक़े से अपने प्लेटफार्म पर उठाया था जिसमें खबर प्रसारण के चंद घण्टे बाद ही जिला प्रशासन इस मामलें को लेकर एक्टिव मोड पर आ गया और तहसीलदार सुनील अग्रवाल के नेतृत्व में आर.आई व पटवारी की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर भौतिक निरीक्षण किये जाने की जानकारी अब मिल रही हैं। वहीं भौतिक निरीक्षण के बाद जाँच में प्रशासनिक टीम ने उक्त मंदिर ट्रस्ट की भूमि के सीमांकन हेतु लिए आगामी 2 फरवरी बुधवार का दिन को मुक़र्रर किया हैं।

माना जा रहा है कि इस प्रस्तावित सीमांकन में प्रणामी मंदिर, अघरिया सदन, कालोनी, पुलिस क्वार्टर, पुलिस थाना से ओवर ब्रिज तक उसके बाद से 70 मीटर कुल सड़क से 400 मीटर और सामने व पीछे की तरफ 70-80 मीटर तक जो भी आयेंगे जद में सब को वहीं पर नोटिस थमाया जा सकता है। जिसमें सिद्धेश्वर नेत्रालय, ट्रांसपोर्ट ऑफिस, मार्बल दुकान, साहू इलेक्ट्रिकल,जलतारे होटल जैसे कई कथित बेज़ा कब्जेदारों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

यह हैं पूरा मामला – लंबे समय से शहर में ट्रस्ट की संपत्ति व जमीनों की अवैध खरीदी-बिक्री का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। ऐसी कई ट्रस्ट की जमीनें व संपत्ति हैं जिस पर आज शहर के कथित सफेदपोश जिसमें राजनीति व बड़े कारोबार से जुड़े लोगों का अधिपत्य स्थापित हो गया हैं हालांकि इनमें से ज़्यादातर ट्रस्ट की जमीनें कागजों में आज भी ट्रस्ट के नाम पे ही अंकित हैं और विडंबना यह भी है कि पूरा खेल जिला प्रशासन के जिम्मेदार अफ़सरानों की जानकारी में भी हैं।



ऐसे ही एक मामलें को लेकर आज दोपहर शहर के एक बेहद जिम्मेदार नागरिक व वरिष्ठ पत्रकार युवराज सिंह आज़ाद ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक पोस्ट किया है कि “बूढ़ी माई महादेव मंदिर ट्रस्ट” की करोड़ों रुपये की जमीन को कूटरचित तरीके से बेचने का चल रहा है षड्यंत्र किया जा रहा है। आगे वरिष्ठ पत्रकार ने अपनी गहरी नाराजगी ज़ाहिर करते हुये पोस्ट ने यह भी लिखा है कि जो भी व्यक्ति इस अवैध खरीदी-बिक्री के खेल में इन्वॉल्व होगा ,उसका विनाश आज नहीं तो कल तय हैं वो नगरदेवी बूढ़ी माई के प्रकोप से बच नहीं पाएगा।
आगे उन्होंने यह भी लिखा है कि इस मामलें में अगर मंदिर ट्रस्ट के कर्ता धर्ता चुप है तो गुनहगार वो भी हैं। वैसे यहाँ यह भी बताना लाज़िमी होगा कि जिस मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे व खरीदी-बिक्री की बात व चर्चा हम अपनी खबर में कर रहें हैं उसकी सीमाएं मंदिर से दूरस्थ सिरे पर स्थित कोतरारोड ओवरब्रिज फैली हुई हैं। वहीं स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो इसी मंदिर के ट्रस्ट की भूमि के एक बड़े भूभाग पर किसी प्राइवेट आई हॉस्पिटल का कब्ज़ा व निर्माण होने की बात भी सामने आई हैं। जानकारी तो अब यह भी मिल रही हैं कि उक्त प्राइवेट हॉस्पिटल का संचालक अब चालाकी से मंदिर के ट्रस्ट में शामिल होने की योजना बना रहा है ताकि उसके अवैध कब्जे पर ट्रस्ट की ओर से हरी झंडी मिल जाये।
बहरहाल…अब इस मामलें में यह देखना दिलचस्प होगा कि सोशल मीडिया पर शहर के वरिष्ठ पत्रकार के इस पोस्ट के वायरल होने के बाद जिला प्रशासन इस मामलें में कब और किस तरह की जाँच-कार्यवाही करता हैं..?