राजनीतिरायगढ़

सोशल मीडिया पर रायगढ़ जिला कांग्रेस प्रवक्ता को क्यूं लिखना पड़ा कि “छीछालेदर मचा दूंगा”… “मेरा घर टेंडर, ठेका और परसेंट से नहीं चलता है”…. शहर में जनचर्चा कि जिला कांग्रेस प्रवक्ता ने आख़िर किसके तरफ किया है ईशारा…

रायगढ़ : बीते एक महीने से जिस तरह के सियासी एपिसोड्स रायगढ़ कांग्रेस में घटित हो रहें हैं उसको देखते हुए यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि विधानसभा चुनाव २०२३ का सूतक (काउंटडाउन) लगते ही रायगढ़ कांग्रेस की कुंडली पर साढ़े साती (नकारात्मक ऊर्जा) चढ़ने के साथ ही बाकी सभी मंगलकारी ग्रह भी रूष्ट और अमंगलकारी ग्रह हावी होने लगे हैं तभी लगातार एक के बाद एक सियासी नौटंकी और उठापटक देखने को मिल रही है कभी कोई युवा नेता अपने ही पार्टी के जनप्रतिनिधि के खिलाफ सोशल मीडिया पर “ऐलान ए जंग” कर देता है तो कभी पलटवार में उक्त निर्वाचित जनप्रतिनिधि द्वारा परोक्ष रूप से अपनी ही पार्टी से जु़ड़े किसी वरिष्ठ नेता को मीडिया में सार्वजनिक बयान देते हुए “रावण” तक कहने की नौबत आ पड़ती हैं। तो कभी मामले को ठंडा करने नोटिस नौटंकी का खेला होता है तो फिर कभी कोई पार्टी पर उपेक्षापूर्ण व्यवहार का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर ही अपने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर देता है..कुल मिलाकर देखा जाए तो इन दिनों स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की जमकर लानत मलानत हो रही है जिसका विपक्ष और आम जनता खासकर सोशल मीडिया से जुड़े लोग खूब मजा भी ले रहें है।

इसी बीच जिला पार्टी मुख्यालय का तापमान तेज शीत लहर के दौरान उस समय गर्मा जाता हैं जब इस पूरे नाटक नौटंकी को देख जिला कांग्रेस प्रवक्ता तारा श्रीवास अपना आपा खो देते हैं और सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर अपने चिर परिचित अंदाज में एक पोस्ट डालते हैं जिसमें वो युवा नेता रानू यादव और रावेन्द्र का समर्थन करते हुए लिखते है कि वे कोई पैराशूट लैंड से उत्तरे नेता नहीं है बल्कि कांग्रेस के संघर्ष के दिनों के साथी है और आज कांग्रेस ऐसे ही जमीनी कार्यकर्ताओं के संघर्ष से सत्ता पर काबिज हुई हैं।

कांग्रेस जिला प्रवक्ता तारा श्रीवास द्वारा फेसबुक पे किये गए पोस्ट की छायाप्रति

आगे जिला कांग्रेस प्रवक्ता तारा लिखते है कि मै सच बोलने लिखने से नहीं डरता हूं और न मुझे इस बात से कोई फर्क पड़ता हैं कि किसके केबिन के बाहर किस पद का और क्या नेमप्लेट लगा हुआ है….. तारा श्रीवास यहीं पर नहीं रुकते हैं बल्कि आगे और तीखे अंदाज में बिना किसी वरिष्ठ नेता का नाम लिए लिखते है कि इन लोगों को किस हिसाब से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है… आगे अपने अंदाज और मिजाज दोनों में गर्माहट लाते हुए जिला कांग्रेस प्रवक्ता तारा श्रीवास को यहां तक लिखना पड़ता हैं कि मैं सब देख रहा हूं , छीछालेदर मचा दूंगा, ध्यान रहें। और “तुम सब” मिलकर भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे.. क्योंकि मेरा घर टेंडर, ठेका और परसेंट से नहीं चलता है और न ही मुझे कुछ पाने का लालच है और न ही कुछ खोने का डर।।

तारा श्रीवास, रायगढ़ जिला कांग्रेस प्रवक्ता

इस पोस्ट को देखने पढ़ने के बाद स्थानीय स्तर पर एक बार फिर इस बात की चर्चा आम होने लगी है कि आखिर जिला कांग्रेस प्रवक्ता ने किसे और क्यूं संबोधित करते हुए अपने पोस्ट में यहां तक लिखा कि मेरा घर टेंडर, ठेका और परसेंट से नहीं चलता है…? ऐसे में स्थानीय राजनीति से जु़ड़े जानकारों का मानना है कि कहीं न कहीं यह पूरा पोस्ट शहर खास तौर पर निगम में कांग्रेस की सियासत को लेके किया गया है तभी टेंडर, ठेका और परसेंट जैसे शब्दावली को इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि निगम इन शब्दावली को लेकर मौजूदा शहर सरकार का नाम काफी बदनाम भी रहा है। बहरहाल जिला कांग्रेस प्रवक्ता के उक्त पोस्ट ने इस बात की सम्भावना को और बल दे दिया है कि कहीं न कहीं रायगढ़ कांग्रेस के भीतर कुछ बड़ा सियासी घमासान और फूट के बादल मंडराने लगे हैं जिसका आकार विधानसभा चुनाव २०२३ के नजदीक आने के साथ साथ बढ़ता ही जा रहा है और इस बात की भी पूरी आशंका बढ़ती जा रही है कि ये गुटबाजी का बादल अब कभी भी फट सकता हैं जिसकी बानगी जिला कांग्रेस प्रवक्ता तारा श्रीवास के पोस्ट में साफ देखी जा सकती है। वैसे यहां यह भी बताना जरुरी होगा कि जिला कांग्रेस प्रवक्ता तारा श्रीवास, निगम सभापति जयंत ठेठवार के कट्टर समर्थक के तौर पर जाने जाते हैं ऐसे में अब ये अनुमान लगाना कि उन्होंने यह पोस्ट किसे टार्गेट करते हुए क्यूं किया है थोड़ा पेचीदा काम होगा…

पोस्ट को पढ़कर प्रथम दृष्टया ही अनुमान लगाया जा सकता है कि जिला कांग्रेस प्रवक्ता तारा श्रीवास महीने भर से पार्टी के भीतर चल रहे सियासी नौटंकी और भेदभाव पूर्ण व्यवहार से भीतर तक आहत हुए होंगे…शायद यही वजह भी रही होगी कि हमेशा अपनी पार्टी और अपने नेताओं का झंडा बुलंद करने वाले तारा श्रीवास जैसे एक समर्पित पार्टी पदाधिकारी को सोशल मीडिया पर इस तरह के पोस्ट लिखने को जरूरत आन पड़ी।

advertisement advertisement advertisement advertisement advertisement
Back to top button
error: Content is protected !!